भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की लाओस में चार्ल्स मिशेल, मार्कोस और क्लाउस से मुलाकात

विएंतियान (लाओस)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाओस की राजधानी विएंतियान में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, फिलीपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस और विख्यात अर्थशास्त्री क्लाउस श्वाब से मुलाकात की।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक नेताओं से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने एक्स हैंडल पर लिखा, ”यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के साथ एक शानदार बातचीत। फिलीपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस के साथ अद्भुत बातचीत हुई और दोस्त मार्टिन श्वाब से मिलना अच्छा लगा।” उल्लेखनीय है कि मार्टिन श्वाब जर्मन मैकेनिकल इंजीनियर, अर्थशास्त्री और विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक हैं। उन्होंने 1971 में संगठन की स्थापना के बाद से डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

मई 2024 में डब्ल्यूईएफ ने घोषणा की कि श्वाब जनवरी 2025 तक कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका से न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका में आ जाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री इशिबा उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी और जापान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उनकी सफलता की कामना की। दोनों नेताओं ने सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीखों पर भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

दोनों ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, डेयरी, कृषि तकनीक, खेल, पर्यटन, अंतरिक्ष और लोगों से लोगों के संबंधों सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान सम्मेलन में कहा कि हम शांतिप्रिय देश हैं और एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं। हम अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब विश्व संघर्ष और तनाव का सामना कर रहा है, भारत-आसियान मित्रता, समन्वय, संवाद और सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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