रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने सरकार के नेमप्लेट वाले फैसले पर व्यक्त की असहमति

मुजफ्फरनगर। कावड़ यात्रा मार्ग पर होटल ढाबा समेत सभी दुकानों पर उनके संचालकों के नाम लिखने के संबंध में प्रदेश सरकार के आदेश से रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फैसला ज्यादा सोच समझकर नहीं लिया गया है, अब फैसला ले लिया है तो सरकार उस पर टिकी हुई है, इस पर विचार किया जाना चाहिए, इसे वापस लेना चाहिए।

रालोद अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य जयन्त चौधरी रविवार को भोपा क्षेत्र के गांव यूसुफपुर में बलिदानी की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए पहुंचे। इससे पहले मुजफ्फरनगर में मेरठ रोड पर सॉलिटेयर इन होटल में रालोद कार्यकर्ताओं के द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया।

सेवा करने से पर नहीं पूछते जाति धर्म
मीडिया कर्मियों से बातचीत में जयन्त चौधरी ने कहा कि कावड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर आते हैं, उनकी सेवा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। श्रद्धालु सेवा करने से यह नहीं पूछते कि उनका जाति धर्म क्या है।

दुकानों के बाहर संचालक का नाम लिखे जाने पर उन्होंने कहा कि मैकडॉनल्ड्स और किंग बर्गर पर क्या लिखा जाएगा। बहुत सी ब्रांड हैं और बड़ी कंपनियां हैं जो इस नाम से संचालित होती हैं, क्या अब कुर्ते पर भी नाम लिखवाया जाएगा। क्या क्या नाम पूछ कर और धर्म पूछ कर हाथ मिलाया जाएगा, यह ठीक नहीं है।

जयन्त चौधरी ने कहा, कि सरकार ने बिना सोचे समझे जल्दबाजी में फैसला लिया है अब उसी पर टिक रहे हैं, इसे वापस लेना चाहिए। जयन्त ने कहा कि इस मामले पर रालोद का स्टैंड शुरुआत से क्लियर है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है वही हमारा भी मत है।

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