जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं के साथ ही कृषि के लिए पर्याप्त विद्युत आपूर्ति राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के हरसंभव प्रयास कर रही है, ताकि हमारे किसानों को सिंचाई में परेशानी उठानी नहीं पड़े।
गहलोत ने मंगलवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास पर राज्य में विद्युत आपूर्ति की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अघोषित बिजली कटौती नहीं की जाए। यदि कटौती अपरिहार्य हो, तो इसकी समुचित सूचना प्रभावित होने वाले क्षेत्र के लोगों को पूर्व में ही दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जून-जुलाई में बारिश अच्छी होने के कारण फसलों की बुवाई ऐतिहासिक रूप से बढ़ी। वहीं, अगस्त में बारिश की कमी से सिंचाई के लिए बिजली की मांग भी बढ़ गई। साथ ही, छत्तीसगढ़ से भी कोयले की आपूर्ति नहीं होने, गर्मी की वजह से घरेलू उपभोक्ताओं की मांग बढ़ने सहित अन्य कारणों से बिजली की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर आया है। 10 अगस्त से लगातार लगभग 3300 लाख यूनिट बिजली उपलब्ध करवायी जा रही है, जो कि एक रिकॉर्ड है। गत वर्ष अगस्त माह में औसत खपत लगभग 2300 लाख यूनिट ही थी, परंतु इस वर्ष अचानक विद्युत भार बढ़ने के कारण ट्रांसफॉर्मर ट्रिपिंग की समस्या का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगस्त में राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तरी भारत में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं को पर्याप्त विद्युत उपलब्धता के लिए महंगी दर पर भी बिजली खरीदने को तैयार है, लेकिन बिजली एक्सचेंज में बिजली की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यकता पड़ने पर उद्योगों को दी जा रही बिजली में कटौती कर कृषि उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले दिन में कृषि बिजली उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अचानक बढ़े कृषि बिजली भार से कई जिलों में अब रात को बिजली उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान आवश्यकता को देखते हुए शॉर्ट टर्म बेसिस पर बिजली खरीदी जाए।
गहलोत ने बैठक में तीनों डिस्कॉम्स क्षेत्र में विद्युत की औसत मांग व उपलब्धता, ट्रांसफॉर्मर रिप्लेसमेंट, कोयले की उपलब्धता सहित अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा की। बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने सुचारू विद्युत आपूर्ति के प्रयासों, अगस्त 2023 से मार्च 2024 तक विद्युत की मांग व उपलब्धता, डिमांड साइड मैनेजमेंट से अवगत कराया।