-उत्तर प्रदेश की उपजाऊ मिटटी की यह उपज लगातार विदेशों में हो रही है लोकप्रिय
-अलीगढ़ का 29 मीट्रिक टन आलू पहली बार भेजा गया गुयाना, दक्षिण अमेरिकी देशों तक भी संभव हुआ प्रसार
-निर्यात से बिचौलियों को हटाकर योगी सरकार अन्नदाताओं की आय दोगुनी करने में जुटी
-अलीगढ़ क्षेत्र में एपीडा आलू के लिए कृषि निर्यात केंद्र स्थापित करने की दिशा में भी प्रयास
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की उपजाऊ मिटटी की उपज लगातार विदेशों में लोकप्रिय हो रही है। इसी का उदाहरण है अलीगढ़ का आलू जिसका स्वाद दक्षिण अमेरिका के गुयाना देश के लोग भी अब चख पाएंगे। अलीगढ़ का आलू पहली बार गुयाना गया है। स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का सपना तेजी से साकार हो रहा है। किसान उद्यमी बनाने के साथ ही निर्यातक भी बन रहे है। परिणामस्वरूप,अलीगढ़ का 29 मीट्रिक टन आलू किसानों के समूह एफपीओ के माध्यम से गुयाना के लिए एक्सपोर्ट हुआ है।
किसान खुद बन रहे निर्यातक
बिचौलियों को बीच से हटाकर योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी कर रही है। किसान एफपीओ के माध्यम से एक्सपोर्टर बन रहे है। वाराणसी स्थित एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक डॉ सी.बी.सिंह ने बताया कि अलीगढ़ का आलू कमर्शियल तौर पर पहली बार दक्षिण अमेरिका के गुयाना गया है। 29 मीट्रिक टन आलू समुद्री मार्ग से भेजा गया है। इस खेप के लिए आलुओं की खरीद अलीगढ़ के स्थानीय एफपीओ से किया गया है एवम अलीगढ़ स्थित कोल्ड स्टोरेज में पैक किया गया है। अलीगढ़ क्षेत्र में आलू उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए एपीडा आलू के लिए कृषि निर्यात केंद्र स्थापित करने की तैयारी में पहल कर रही है।जिसके बाद अलीगढ और आप पास के अन्नदाताओं के साथ ही अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर खुलेंगे।
एफपीओ को बढ़ावा देने पर फोकस
डबल इंजन की सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दिशा में किसानों के समूह एफपीओ को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रशिक्षण ,क्षमता संवर्धन आदि कई कार्यक्रमों समय समय पर आयोजित करती रह रही है। उत्तर प्रदेश में एपीडा के सार्थक पहल के बाद, कोमालिका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड सीधे निर्यात से जोड़ा गया है। क्षमता अवसंरचना बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों और एफपीओ को वित्तीय सहायता का प्रावधान भी किया गया है। एपीडा देश-विशिष्ट निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए रणनीति तैयार कर रहा है और नए बाजारों में निर्यात क्षमता का दोहन करने के लिए यूरोपीय संघ के देशों, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।