नई दिल्ली। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा है कि ऊंचे मूल्यांकन, अल नीनो पर चिंता और विश्व जीडीपी में मंदी के कारण बाजार में निकट भविष्य में करेक्शन की संभावना है।
उन्होंने कहा, घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों से सकारात्मक संकेतकों के कारण बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया। मजबूत घरेलू औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण पीएमआई के साथ-साथ भारत के जीडीपी पूर्वानुमान पर आरबीआई की सकारात्मक टिप्पणियों ने तेजी के रुझान में योगदान दिया।
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट और 2024 में फेड द्वारा कई दरों में कटौती की संभावना ने बाजार में उम्मीद बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने विश्वास जताया है कि मौद्रिक नीति में सामान्यीकरण से सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद करते हुए, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में अमेरिकी आर्थिक विकास पर छाए बादल हट जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका से मांग बढऩे, एआई-आधारित अवसरों के बारे में उम्मीदें और फेड द्वारा 2024 में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद में इस सप्ताह आईटी क्षेत्र में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के अनुसंधान प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा है कि फेड द्वारा दरों को बरकरार रखने के फैसले से इक्विटी बाजार सभी सेक्टर और मार्केट कैप में बढ़ गया है। फेड द्वारा दरों को यथावत रखने के निर्णय की संभावनाओं के साथ-साथ अगले साल दरों में कटौती की संभावना के कारण अमेरिकी बाजार सहित लगभग सभी बाजारों में तेजी आई है। अमेरिका और भारत दोनों में मजबूत जीडीपी वृद्धि संख्या ने भी काफी हद तक सेंटीमेंट्स बनाने में मदद की।
हालांकि यह प्रभाव अल्पकालिक हो सकता है, जैसे-जैसे हम वर्ष के अंत तक पहुंचेंगे, मुनाफावसूली की संभावना बढ़ जाएगी। यह भी संभावना है कि आने वाली मंदी की बातें अधिक सुनी जा सकती हैं। उन्होंने कहा, लेकिन ठोस आर्थिक प्रदर्शन और कमाई में लाभ के आधार पर इक्विटी शानदार प्रदर्शन करने जा रही है।