मतदान बहिष्कार के बाद भी नहीं हल हुई समस्या, फिर बांस बल्ली के पुल से जान जोखिम में डालकर गुजर रहे लोग

मलिहाबाद,लखनऊ। पुल के लिए लोगों ने लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया था। चुनाव तो हो गया लेकिन उनकी समस्या अभी तक दूर नहीं हुई है। फिर लोग चंदा लगाकर बांस बल्ली से बने पुल के ऊपर से अपनी जान को जोखिम में डालकर निकल रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि इस समस्या के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया लेकिन आज तक किसी ने उनकी इस परेशानी की तरफ ध्यान ही नहीं दिया।

मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के ग्राम लुधौसी से एक बेहता नदी निकली है। इस नदी से ग्रामीणों ने चंदा लगाकर काफी लंबे समय से लकड़ी का पुल बनाकर आवागमन कर रहे हैं। उस और से घनश्यामपुर, इमिलिया जमालपुर, असत्यखेड़ा, ज्योतिखेड़ा, सरैया, बसरैला, लंगोटखेड़ा, बबुरिहा खेड़ा के लोगों का आवागमन होता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से वह इस बेहता नदी से निकलने के लिए पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक उनकी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। इसलिए सभी ग्रामीण एकजुट होकर चंदा लगते हैं और हर वर्ष बरसात के महीने में जब पानी की अधिक मात्रा हो जाती है तो बांस बल्ली का पुल बनाकर आवागमन करने को मजबूर रहते हैं। लुधौसी के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में इसी पुल की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। चुनाव तो हो गया लेकिन आज भी लोग बांस बल्ली के बने पुल से गुजरने को मजबूर हैं। पानी की तेज धारा के ऊपर से बने इस बांस बल्ली के पुल से गुजरने वालों के साथ कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। इस पुल से छात्र-छात्राएं भी आए दिन जान जोखिम में डालकर निकलते हैं। यह सब जानने के बाद भी जिम्मेदार ग्रामीणों की इस समस्या को नजर अंदाज कर रहे हैं जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी व्याप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के पहले अगर वह चंदा लगाकर बांस बल्ली की व्यवस्था कर पुल न बनाए तो उनका आवागमन पूर्ण रूप से ठप हो जाएगा और ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह जाएंगे।

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