दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरम

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को दावा किया कि मधु और सुरेश देवी ने आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की पत्नी का वोटर लिस्ट से नाम कटवाने के लिए आवेदन दिया है. दिल्ली बीजेपी चीफ ने पूछा कि संजय सिंह बताएं कि इन दोनों से उनका क्या संबंध है. दोनों महिलाओं को संजय सिंह से क्या संबंध है. उन्होंने कहा कि उनका पारिवारिक मतभेद हैं. सुर्खियों में रहने के लिए यह नौटंकी की जा रही है. संजय सिंह खुद ही अरविंद केजरीवाल को वोट नहीं देना चाहते हैं.

बीजेपी नेता ने कहा कि हर बार ऐसा देखा जाता है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले अचानक से वोटरों की बाढ़ आ जाती है. लोकसभा चुनाव के पहले ऐसा नहीं देखा जाता है. यह जांच का विषय है. पड़ोसी राज्यों से वोटर लाकर चुनाव जीतने की तैयारी की जा रही है. जब विधानसभा चुनाव आते हैं तो वोटरों की संख्या बढ़ जाती है जबकि लोकसभा के चुनाव में ऐसा नहीं देखने को मिलता है.

सचदेवा ने कहा कि संजय सिंह खुद ही अरविंद केजरीवाल को वोट नहीं देना चाहते हैं. पिछले एक साल से वह नई दिल्ली में रहते हैं. उनकी पत्नी का वोट नई दिल्ली में है. 2020 में अचानक से 9 लाख वोटर बढ़ जाते हैं. नरेला में अचानक से 2000 लोगों ने वोटर लिस्ट में नाम के लिए अप्लाई किया है. इनकी उम्र चालीस से पचास साल है. फर्जी वोटर को रोकना हमारा अधिकार है. यह जांच का विषय है. पड़ोसी राज्यों से वोटर लाकर चुनाव जीतने की तैयारी की जा रही है.

बीजेपी के आरोपों पर क्या बोले संजय सिंह?
दूसरी ओर संजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी उनकी पत्नी का नाम नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची से हटवाने का प्रयास कर रही है. पत्नी अनीता सिंह के साथ मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली में बसे पूर्वांचली लोगों के नाम हटाने की पूरी कोशिश में जुटी हुई है. सिंह और उनकी पत्नी पूर्वी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. पूर्वांचली पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग हैं, जो दशकों से दिल्ली में बसे हैं और शहर में मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है.

संजय सिंह बोले- बीजेपी सबक सिखाने की कोशिश कर रही
आप नेता ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के प्रतिनिधित्व वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट की मतदाता सूची से उनकी पत्नी का नाम हटाने के लिए 25 और 26 दिसंबर को दो आवेदन दायर किए गए थे. उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची से पूर्वांचली मतदाताओं के नाम हटाए जाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाने के बाद बीजेपी उन्हें सबक सिखाने की कोशिश कर रही है.

Related Articles

Back to top button