प्रेसवार्ता में बोले ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
बाराबंकी। प्रदेष की 225 विधानसभाओं में 20 से 30 प्रतिषत तक मुसलमान मतदाता है। जिसमें 80 प्रतिषत से ज्यादा पसमांदा महाज के मतदाता है। लेकिन सियासी पार्टियों के संगठन सत्ता या विधानसभा-लोकसभा टिकटों में इनकी हिस्सेदारी लगभग न के बराबर है। उक्त बात ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने पत्रकारों के सामने कही। उन्होने आगे कहा कि प्रदेष की विधानसभा रामपुर, स्वार, चमरव्वा, बिलासपुर, मिलक, मुरादाबाद नगर, मुरादाबाद ग्रामीण, कॉठ, धनौरा, ठाकुरद्वारा, कुन्दरकी, बिलारी,अमरोहा, हसनपुर, असमौली, चन्दौसी, संभल, नौगाँव सादात, बेहट, नकुड, पुरकाजी, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, गंगोह, रामपुर मनिहारन, नजीबाबाद, नगीना, बूढ़ापुर, धामपुर, नहटौर, बिजनौर, चॉदपुर, नूरपुर, शामली, कैराना, थाना भवन, बुढाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर, बहेडी, भोजीपुरा, कैसरगंज, तुलसीपुर, उतरौला, इटवा आदि में पसमांदा मुसलमानों के मतदाता सबसे ज्यादा हैं। वहीं विधानसभा सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर, किठौर, मेरठ कै़ंट, मेरठ, मेरठ दक्षिण, मीरगंज, भोजीपुरा, नबाबगंज, फरीदपुर, बरेली, आंवला, मटेरा, नानपारा, महसी, बहराइच, श्रावस्ती, भिनगा, बलहा, बलरामपुर, शोहरतगढ, कपिलवस्तु, डुमरियागंज, खलीलाबाद, मऊ, गोरखपुर ग्रामीण, टांडा, मुबारकपुर आदि विधानसभाओं में 30 से 40 प्रतिषत तक मतदाता पसमांदा समाज के हैं। उन्होने आगे कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र की 28 विधानसभाओं को छोड़ दिया जाये तो 225 विधानसभाओं और लोकसभा क्षेत्रों में पसमांदा मुसलमान मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक दलों ने सिर्फ अपना मकसद सीधा करने के लिए पसमांदा मुसलमानों को छला है।