- चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के आरोपितों का सुराग देने पर दो लाख का इनाम- रातभर चंडीगढ़ व पंजाब पुलिस ने एनआईए के साथ मिलकर की जांच- एक साल से हो रही थी कोठी की रेकी
चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-दस में बुधवार की शाम हुए ग्रेनेड हमले के तार आतंकी संगठनों से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि हमलावरों ने पुलिस अधिकारी के धोखे में इस घर पर हमला कर दिया। उन्हें नहीं पता था कि यहां सेवानिवृत्त प्रिंसिपल रह रहे हैं। आतंकी संगठन लंबे समय से इस घर की रेकी कर रहे थे।
इस घर में अभी हिमाचल प्रदेश के रिटायर्ड प्रिंसिपल रहते हैं लेकिन इससे पहले घर में पंजाब पुलिस के रिटायर्ड एसएसपी हरकीरत सिंह रहते थे। चंडीगढ़ पुलिस फिलहाल इस मामले में गैंगस्टर व टेरेरिस्ट दोनों एंगल को लेकर जांच में जुट गई है। जांच में एक नाम गैंगस्टर से आतंकी बने लखबीर लंडा का भी सामने आ रहा है।
पुलिस के अनुसार सेक्टर-दस की कोठी नंबर 575 में कुछ समय पहले तक पंजाब के सेवानिवृत्त एसपी जसकीरत सिंह चहल रहते थे। उन्होंने आतंकवाद के दौर में कई एनकांउटर किए, जिसके चलते चहल खालिस्तानी आतंकी संगठन की हिट लिस्ट में थे। कोरोना के दौरान चहल के बेटे का निधन हो गया। उसके बाद वह यहां से कहीं और शिफ्ट कर गए। चहल के यहां से शिफ्ट होने को लेकर बहुत कम लोगों को पता था।
वर्ष 2023 में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल पंजाब ने दो आरोपित पकड़े गए थे। उन्होंने पंजाब पुलिस को सूचित किया था कि हरविंदर सिंह रिंदा ने कुछ साल पहले उन्हें इस कोठी की रेकी करने के लिए भेजा था। इसकी सूचना चंडीगढ़ पुलिस के साथ भी साझा की गई थी।
रातभर चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस तथा एनआईए की टीमों द्वारा मामले की जांच की गई। पुलिस ने कई जगह छापे भी मारे। सीसीटीवी ट्रैकिंग के दौरान स्पष्ट हुआ कि आरोपित सेक्टर 10 में हमला करने के बाद सेक्टर 9 की तरफ ऑटो में निकले थे। सीसीटीवी के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने दो संदिग्धों के स्कैच जारी करते हुए सूचना देने वाले को दो लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव के अनुसार इस मामले में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं। बहुत जल्द आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा।