पुलिस और ड्रग्स इंस्पेक्टर ने  नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी पकड़ी 

काशीपुर। पुलिस और ड्रग्स इंस्पेक्टर ने संयुक्त कार्रवाई कर एक मकान में नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी पकड़ी है। दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। ब्रांडेड कंपनी की लाखों रुपये की दवा, दवा बनाने की मशीन और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। एक कार भी जब्त की गई है।

कोतवाली पुलिस का कहना है कि सीतारामपुर स्थित द्वारिका कॉलोनी में किराये के मकान में नकली दवा बनाने की फैक्टरी चल रही थी। ड्रग्स इंस्पेक्टर नीरज कुमार व कटोराताल चौकी प्रभारी विपुल जोशी ने बताया कि लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि क्षेत्र में कुछ लोग एक मकान में डिस्पोजल सामग्री बनाने की आड़ में नकली दवा बनाने का धंधा कर रहे हैं। कई बार निगरानी की लेकिन हर बार कारखाना बंद मिल रहा था जिसके चलते पुलिस टीम काफी समय से आरोपियों की तलाश में जुटी थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दवा की फैक्टरी से दो युवकों को हिरासत में लिया और उनकी निशानदेही पर फैक्टरी खोली गई। पूछताछ में दोनों ने बताया कि फैक्टरी का मालिक हरिद्वार जिले का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक फैक्टरी स्वामी की तलाश में दबिश दी जा रही है।

कई राज्यों में सप्लाई होती थी नकली दवा

काशीपुर। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नकली दवा बनाकर देश के अधिकतर राज्यों में सप्लाई की जाती थीं। जो दवा पकड़ी गई हैं वह ब्रांडेड कंपनी की एंटी बायोटिक टेबलेट हैं जो काफी महंगी होती हैं। संवाद

कोट

पुलिस ने सीतारामपुर की द्वारिका कॉलोनी में नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी पकड़ी है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा। – अभय सिंह, एसपी, काशीपुर।

ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में पहले भी पकड़ी गई हैं कई फैक्टरी

काशीपुर। सीतारामपुर क्षेत्र में नकली दवा बनाने की फैक्टरी पकड़े जाने के बाद यह गोरखधंधा फिर चर्चा में आ गया है। पिछले एक दशक से ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में धंधे से जुड़े लोग लगातार शासन प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं।

ऊधमसिंह नगर में भी जहां पहले ऐसी फैक्टरी पकड़ी जा चुकी है। हरिद्वार जनपद तो नकली दवा बनाने का गढ़ बन चुका है। रुड़की और भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में दो दर्जन से भी ज्यादा फैक्टरी पकड़ी जा चुकी हैं। पुलिस विभाग की एसटीएफ टीम ने रुड़की के गंगनहर क्षेत्र और भगवानपुर में पिछले साल बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया था। तब सामने आया था, कि इस तरह बनाई जाने वाली नकली दवाइयां न खुले बाजार में बिकती रही हैं। विभिन्न राज्यों की सरकारों की मांग पर इन्हें सप्लाई भी किया जाता रहा है। सूत्र बताते हैं की फैक्टरी का मुख्य मास्टर माइंड रुड़की का है। पुलिस अधीक्षक अभय सिंह ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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