बीकेटी में प्रधानमंत्री का सपना बना झाड़ियों का केंद्र !

-ग्राम पंचायतों में घटिया शौचालयों का निर्माण करवाकर जमकर की गई सरकारी धन की बंदरबांट

– स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनाये गये शौचालयों की मुख्यमंत्री से जांच करवाने की मांग

-ओडीएफ घोषित होने के बावजूद 50 फीसदी ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर

– 20 अक्टूबर 2019 को ओडीएफ घोषित हो चुकी हैं बीकेटी की सभी ग्राम पंचायतें

राममोहन गुप्ता

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निष्पक्ष प्रतिदिन/बीकेटी, लखनऊ। राजधानी के बीकेटी विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत कई दर्जनों ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है। घटिया निर्माण सामग्री से आनन-फानन में सार्वजनिक शौचालय बनाकर तैयार कर कागजों पर ओके कर अधिकारी लाखों करोड़ों रुपए अपनी अपनी जेबों में भरकर कारों से बीकेटी कार्यालय चक्कर लगाते नजर आते हैं।फिर ठेकेदारों के क्या कहने सूत्र यह भी बताते हैं कि ठेकेदार मनचाहे मटेरियल से शौचालय बनवा कर कागजों पर लाभार्थियों से साइन भी करा लेते हैं । और विकास खंड कार्यालय बीकेटी में बैठे रिश्वतखोर अधिकारी भी रुपया लेकर कागजों पर जांच कर आख्या रिपोर्ट भी लगा देते हैं। और अपनी जेबे भरने में मस्त नजर आते हैं। जहां कहीं इस मामले में ग्रामीणों द्वारा किसी भी प्रकार की शिकायत दी जाती है तो कूड़े खाने में डालकर अनदेखा किया जा रहा है।वहीं विगत वर्षों यानी कि वित्तीय वर्ष 2019 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये गये घटिया किस्म के शौचालय एक वर्ष में ही खुले में शौच मुक्त अभियान की गाथा गा रहे हैं।इन शौचालयों की हालत इतनी दयनीय है, कि वे एक भी बारिश झेलने के लिए तैयार नहीं है।घटिया निर्माण सामग्री से बनाये गये शौचालय खण्डहर में तब्दील होकर झाड़ियों में अपने दिन फिरने के इंतजार में हैं।

   बता दें कि मोहम्मदपुर गढ़ी ग्राम पंचायत के प्रधान की नादरशाही व्यवस्था के चलते यहां का सुलभ शौचालय आज भी  अधूरा खड़ा हुआ है।यहां पर टूटे-फूटे मार्ग खराब नालियां गंदगी का बोलबाला इस पंचायत इस पंचायत के विकास की कलई खोल देती है।ब्लॉक बीकेटी की बीडीओ पूजा सिंह ने बताया कि सुलभ शौचालय का निर्माण 2019 में शुरू हुआ और लगभग 6 लख रुपए की लागत से इसका निर्माण हो सका। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जिला किसान सभा के मंत्री रामदेव तिवारी कृपाल सिंह रामनरेश सिंह भदोरिया छोटेलाल पाल भाकियू की जिलाध्यक्ष बबली गौतम सियाराम कनौजिया व ग्राम पंचायत के नागरिकों ने बताया कि यह सुलभ शौचालय काफी वर्षो से बना खड़ा है। पर इसका लाभ अभी तक नागरिकों को में मयस्सर नहीं हो सका ऐसे सुलभ शौचालय का क्या फायदा जिसका उपयोग जनता ना कर सके और उसमें ताला लटकता रहे। बताते सुलभ कि सुलभ शौचालय के आसपास बड़ी-बड़ी झाड़ झखांड़ लगी हुई है जिसमें विषैले जीव जंतु रहते हैं।प्रधान इसकी साफ सफाई तक नहीं करवा सके। जब इस पर संबंध में प्रधान से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक अधूरा सुलभ शौचालय प्रधान या ग्राम पंचायत को हैंडओवर नहीं किया गया। जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बीकेटी पूजा सिंह से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि जब पंचायत ने इसका निर्माण करवाया गया तो हैंडओवर का प्रश्न ही नहीं उठाता है। इस प्रकार प्रधान का यह कथन हकीकत से कोसों दूर है। पर प्रधान का कहना है कि नागरिकों का जनप्रतिनिधियों पर असत्य है।क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने निर्णय लिया है कि इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिया जाएगा व अन्य आला अफसर को इस संबंध में लिखित प्रार्थना पत्र दिए जाने का भी प्रस्ताव है। इस पंचायत टूटे-फूटे मार्ग ध्वस्त नालियां और गंदगी का अंबार इस पंचायत के विकास की पोल खोलते हैं।

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