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रायगढ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रायगढ़ में 6350 करोड़ के विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी का जिंदल एयर स्ट्रिप में प्रमुख सचिव अमितभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा, कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा, एसपी सदानंद कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खराब मौसम के बावजूद रायगढ़ में स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में राज्य सरकार की तरफ से डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी मौजूद रहे।
छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-1 को महत्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति-बहुआयामी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है और इसमें खरसिया से धरमजयगढ़ तक 124.8 किलोमीटर की रेल लाइन शामिल है, जिसमें गारे-पेलमा के लिए एक छोटी लाइन और छाल, बरौद, दुर्गापुर और अन्य कोयला खदानें को जोड़ने वाली तीन फीडर लाइनें शामिल हैं। लगभग 3,055 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह रेल लाइन विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लेवल क्रॉसिंग और यात्री सुविधाओं के साथ फ्री पार्ट डबल लाइन जैसी व्यवस्था से सुसज्जित है। यह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला परिवहन के लिए रेल सम्पर्क प्रदान करेगी।
पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है और इसका निर्माण लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। चांपा और जामगा रेलखंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण करीब 796 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। नई रेल लाइनों से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पर्यटन एवं रोजगार दोनों के अवसरों में वृद्धि होगी।
65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली की सहायता से एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1600 मेगावाट एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत में उच्च श्रेणी के कोयले का वितरण किया जा सकेगा। इससे एनटीपीसी लारा से कम लागत के साथ विश्वसनीय बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी। 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए एक शानदार तकनीकी उपलब्धि है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के नौ जिलों में 50 बिस्तरों वाले ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ का भी शिलान्यास किया । प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत कुल 210 करोड़ रुपये की लागत से दुर्ग, कोंडागांव, राजनांदगांव, गरियाबंद, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जिलों में नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉकों का निर्माण किया जाएगा।
विशेष रूप से जनजातीय जनसंख्या के बीच सिकल सेल रोग के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से, सिकल सेल रोग की जांच की गई। आबादी को प्रधानमंत्री एक लाख सिकल सेल परामर्श कार्डों का भी वितरण किया। सिकल सेल परामर्श कार्ड का वितरण राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएसएईएम) के अंतर्गत किया गया, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल में किया गया था।