राजस्थान की भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जयपुर से विकास की सौगात देंगे. पीएम मोदी एक सप्ताह में दूसरी बार जयपुर के दौरे पर आ रहे हैं. 9 दिसंबर को राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन किया था और अब एक लाख करोड़ रुपए की योजना की सौगात देंगे. पीएम मोदी ईआरसीपी योजना का उद्घाटन और कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे, जिसके जरिए सूबे के 21 जिलों में जल संकट से निजात मिलेगी. ऐसे में ईआरसीपी योजना का क्रेडिट लेने के लिए होड़ भी चल चल रही है.
पीएम मोदी जयपुर में तीन घंटे गुजारेंगे और इस दौरान बिजली, पानी, सड़क, रेलवे से जुड़ी करीब 24 परियोजनाओं की सौगात देंगे. पीएम मोदी वाटिका रोड पर आयोजित भजनलाल सरकार के एक साल के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद वो पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) का उद्घाटन भी करेंगे. इस परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों में दशकों से बना जल संकट से निजात मिलेगी, जहां पर लोगों को पीने और फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा.
21 जिलों में पानी किल्लत से मिलेगी निजात
पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) के तहत 11 नदियों को जोड़ा जाएगा, जिसमें चंबल और उसकी सहायक नदी पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल,गंभीरी और मेज शामिल हैं. नवनेरा बैराज से पानी गलवा बांध तक लाया जाएगा, जहां पर दो हिस्सों में ईसरदा बांध और बीसलपुर बांध तक पानी पहुंचेगा. नवनेरा से चंबल नदी पर जल सेतु बनाकर पानी मेज नदी तक आएगा. यहां से पंपिंग के जरिए पहले बने गलवा बांध तक जाएगा. गलवा से 31 किलोमीटर दूर ईसरदा तक पानी पहुंचेगा.
पीएम मोदी ईआरसीपी योजना के उद्घाटन के साथ ही दो बैराज का भी शिलान्यास करेंगे. कूल नदी पर रामगढ़ बैराज और पार्वती नदी पर महलपुर बैराज का निर्माण होगा. इन बैराज से सिंचाई क्षमता बढ़ेगी और किसानों को फायदा होगा. ईआरसीपी और अन्य विकास परियोजनाओं से राज्य के लोगों को पानी और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. यह परियोजना पेयजल आपूर्ति, सिंचाई और औद्योगिक जल की मांग को पूरा करने जैसे विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करेगी.
पीकेसी और ईआरसीपी से राजस्थान के झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर सहित करीब 21 जिलों को लाभ मिलेगा. वहीं. मध्य प्रदेश में गुना, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, रतलाम, ग्वालियर आदि जिलों में जल संकट खत्म हो जाएगा. मालवा और चंबल क्षेत्र में 6.13 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और 40 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा.
रेलवे परियोजना की देंगे सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीकेसी और ईआरसीपी योजना का उद्घाटन करने के साथ-साथ करीब 6500 करोड़ रुपए की लागत की चार रेल परियोजनाओं की सौगात देने वाले हैं. इनमें से तीन परियोजनाओं को शिलान्यास होंगे, जबकि 1 परियोजना का लोकार्पण होगा. पीएम मोदी 1204 करोड़ रुपए की लागत से जयपुर-सवाईमाधोपुर रेल लाइन का शिलांयास करेंगे. इसके अलावा 1634 करोड़ रुपए की अजमेर-चंदेरिया रेल लाइन का शिलांयास करेंगे. ऐसे ही लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेललाइन के दोहरीकरण कार्य का शिलांयास और भीलड़ी-समदड़ी-लूणी-जोधपुर-मेड़तारोड-डेगाना-रतनगढ़ रेल लाइन के विद्युतीकरण कार्य का लोकार्पण करेंगे.
PKC-ERCP के सौगात पर क्रेडिट वॉर
राजस्थान की पीकेसी और ईआरसीपी योजना के क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है. उद्घाटन से एक दिन पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम पर बीजेपी सरकार को जमकर घेरा है. जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री, जिस योजना का शिलान्यास करने आ रहे हैं, वह योजना तो मुख्यमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत ने शुरू कर की थी. साथ ही जूली ने कहा कि ईआरसीपी का क्रेडिट तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को ही जाता है, उन्हीं के कार्यकाल में यह योजना बनाकर भेजी गई थी. आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे की योजना होने का संशय पैदा हुआ और क्रेडिट उन्हें मिलने के कारण, इस योजना को अटका कर रखा गया था. अब इस योजना का नाम बदल दिया गया है,जो ईआरसीपी का नाम अब पीकेसी कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार में इस पर काम शुरू हुआ और दो बांध बनकर तैयार हैं. अब पीएम सिर्फ शिलान्यास करने जा रहे हैं. बीजेपी इस योजना को अपना बताने में जुटी है. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि राज्य के करीब 21 जिलों में लोगों को पीने पानी से लेकर खेती की सिंचाई तक की सुविधा होगी. इसके जरिए राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद है, जिसके चलते बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं?