नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अबू धाबी में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। अबू धाबी के जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने ‘अहलन मोदी’ (हेलो मोदी) कार्यक्रम में शामिल हुए भारतवंशी लोगों का अभिवादन ‘नमस्कार’ कहकर किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारत- यूएई की मजबूत साझेदारी का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस की दिलदारी का सुनाया किस्सा
इसी बीच पीएम मोदी अबू धाबी में बनकर तैयार हुए हिंदू मंदिर को लेकर एक दिलचस्प किस्सा लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा,”जब साल 2015 में मैंने यूएई के क्राउन प्रिंस नाहयान के सामने आप सबकी ओर से यहां अबू धाबी में मंदिर का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने तुरंत बिना एक पल गंवाए हां कर दी थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे, मैं दे दूंगा। अब अबू धाबी में इस भव्य-दिव्य मंदिर के लोकार्पण का समय आ गया है।”
जब साल 2015 में उनके सामने आप सब की ओर से यहां अबू धाबी में मंदिर का प्रस्ताव रखा तो वो तुरंत एक पल भी गंवाए बिना उन्होंने हां कर दिया।
उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिस जमीन पर लकीर खींच लेंगे… मैं दे दूंगा।
अब अबू धाबी में इस भव्य-दिव्य मंदिर के लोकार्पण का समय आ गया है।
जब पीएम मोदी ने अरबी में लोगों से किया संवाद
दोनों देशों के बीच प्राचीन समुदाय और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए मोदी ने अरबी में भी कुछ पंक्तियां बोलीं, जिसका बाद में उन्होंने अनुवाद किया कि कैसे भारत और यूएई दोनों ‘दुनिया की किताब’ पर ‘वक्त की कलम’ से बेहतर भविष्य की पटकथा लिख रहे हैं। फिर उन्होंने कहा कि इनमें से कई अरबी शब्द भारत में आम तौर पर बोले जाते हैं।
मोदी ने यहां भारतीय समुदाय से कहा कि भारत को उन पर गर्व है और यह दोनों देशों के बीच दोस्ती की सराहना करने का समय है।मोदी ने उपस्थित लोगों से कहा, ”इतनी बड़ी संख्या में यहां आकर आपने इतिहास रचा है। आप यूएई के विभिन्न हिस्सों और भारत के विभिन्न राज्यों से आए होंगे, लेकिन सभी के दिल जुड़े हुए हैं।”