अजमेर की गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 813 वां उर्स शुरू हो गया है. यहां हर साल पीएम मोदी की तरफ से चादर चढ़ाई जाती है. इस बार भी 4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की चादर अजमेर शरीफ दरगाह में मजार पर चढ़ाई जाएगी. पीएम मोदी की तरफ से 11वीं बार ये चादर चढ़ाई जा रही है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर जाएंगे, जहां वे ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर पीएम मोदी की चादर चढ़ाएंगे. पीएम मोदी की तरफ चादर चढ़ाए जाने पर तमाम विपक्षी दल तंज कसते नजर आ रहे हैं.
पीएम मोदी निभा रहे देश की संस्कृति और सभ्यता- दरगाह प्रमुख
अजमेर दरगाह प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की चादर का हम स्वागत करते हैं. ये देश की परंपरा रही है कि साल 1947 के बाद से जो भी प्रधानमंत्री रहा है. उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में अकीदत के तौर पर चादरें भेजी हैं. साल 2014 से पीएम मोदी भी इस परंपरा को निभा रहे हैं. इसी के साथ नरेंद्र मोदी हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता को भी निभा रहे हैं.
सूफी दरगाहों में से एक है अजमेर शरीफ
अजमेर शरीफ दरगाह भारत की सबसे प्रसिद्ध सूफी दरगाहों में से एक है. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स यानी को उनके निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल 28 दिसंबर से 813 वें उर्स की शुरुआत हुई है, जिसे पूरे देश और विदेशों से आने वाले लाखों लोगों के साथ मनाया जा रहा है.
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह
उर्स के दौरान अजमेर शरीफ दरगाह पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि पारंपरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. लोग यहां अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिए दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर चढ़ाना आस्था और श्रद्धा का एक अहम प्रतीक है.