वन विभाग से एनओसी के बगैर ही खनन विभाग जारी कर रहा फलपट्टी क्षेत्र में खनन की अनुमति

  • माफिया फलपट्टी क्षेत्र में सरकारी कामों की आड़ में अवैध खनन को अंजाम दे कर रहे हरियाली का सफाया
  • बीकेटी के सिंहपुर गांव में खनन के नाम पर माफिया ने जड़ से उखाड़ दिये दर्जनों हरे भरे वृक्ष

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

बख्शी का तालाब फलपट्टी क्षेत्र में आउटर रिंग रोड के नाम पर मिट्टी के खनन की खनन विभाग द्वारा अनुमति देने पर वन विभाग को आपत्ति है।डिप्टी रेंजर मनोज कुमार ने बताया कि खनन विभाग ने बिना वन विभाग की एनओसी लिए ही खनन की अनुमति जारी कर रहा है।जिससे क्षेत्र में कई खनन स्थलों पर पेंड़ लगे होने की स्थिति में मिट्टी खुदाई के बाद पेड़ों की जड़ों तक की मिट्टी निकल जाने से उनका जमीन से नाता टूट जाता है।जिससे जल्दी ही वह सूखने लगेगें या फिर बारिश में अपने आप गिर जाएंगे।उन्होंने बताया कि मिट्टी के माफिया अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करके पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की जिदगी को भी खतरे में डाल रहे है।डिप्टी रेंजर मनोज कुमार का यह भी कहना है कि वन विभाग की एनओसी इसलिए होनी चाहिए क्योंकि जहां पर खनन होना है, वहां पर पेंड़ है कि नहीं इसकी रिपोर्ट अवश्य वन विभाग से लेनी चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि कई स्थानों पर देखा गया है कि जहां पर खनन की परमिशन होती है वहां पर पेड़ लगे होते हैं।लेकिन मिट्टी के लालच में माफिया पेड़ों के आसपास की भी मिट्टी खोद लेते है, जिस कारण से पेड़ की जड़े कमजोर अधिक बारिश तथा हवा के झोंको में पेड़ गिरकर नष्ट हो जाता है।फलपट्टी क्षेत्र में वन विभाग से बगैर एनओसी लिये ही खनन की अनुमति देने को लेकर प्रशासन व खनन विभाग पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

बता दें कि बीकेटी फलपट्टी क्षेत्र में मिट्टी खनन और लकड़ी कटान ने पर्यावरण के सामने कठिन चुनौती पैदा कर दी है।पश्चिम गांव,पलिया, मोहम्मदपुर गढ़ी समेत अन्य गांवों में नियम-कानून ताक पर रखकर माफिया मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं।उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।लिहाजा पेड़ों की जड़ों तक की मिट्टी निकाल लिए जाने से उनका जमीन से नाता टूट गया है।जिससे जल्दी ही सूखने लगेगें या फिर बारिश में अपने आप गिर जाएंगे।हैरानी की बात है कि शासन-प्रशासन इसे लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखा रहा है।यह हाल तब है जब फलपट्टी में हरियाली बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं। प्रशासन की हीलाहवाली से सरकारी कामों की आड़ लेकर खुले बाजार में मिट्टी बेच रहे माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वह इस क्षेत्र में करीब आधा दर्जन गाँवों में मानकों के विपरीत खनन कर रहे हैं।भाकियू के नेताओं का कहना है कि लगातार चल रहे अवैध खनन से फलपट्टी क्षेत्र से हरे-भरे वृक्षों की संख्या घटती जा रही हैं।जो काफी चिंता का विषय है।इसको लेकर तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में लिखित शिकायत कर फलपट्टी क्षेत्र में अवैध खनन से नष्ट हो रहे फलदायी पेड़ों को बचाने की मांग करेंगे। ताकि लोग जागरूक होकर अधिक से अधिक पौधों की रोपाई कर आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण व पर्याप्त आक्सीजन मिल सकें।

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