तकनीकी सहायको की तिकड़ी का फैला जाल बिना कार्य के ही एमबी से हो रहा भुगतान

सीतापुर। विकास खण्ड हरगांव में बीडीओ व तकनीकी सहायको के काले कारनामे जगजाहिर हो रहे है,, कार्यो के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, सूत्रों की माने तो जिम्मेदारो द्वारा बिना कार्य के एमबी से भुगतान हो रहे है, कार्य के फर्जी स्टीमेट तैयार करने के साथ साथ बिना कार्य के भुगतान भी करा दिया जाता है, वही सूत्र यह भी बताते है कि विकास खण्ड में तैनात तकनीकी सहायको की एक तिकड़ी है जो हमेशा एक साथ देखी जाती है, वही वो अपनी तैनाती वाली ग्राम पंचायतों में नजदीकी लोगो की सप्लाई फर्मो को फीड करा कर एडवांस एमबी करके बिना कार्य के ही भुगतान भी करते है जिसके चलते वो मनमाने तरीके से कार्यो की एम बी व भुगतान कराते रहते है, यंहा तक इन तकनीकी सहायको की पकड़ जिम्मेदार कार्यालय तक मजबूत बना रखी है। ग्राम पंचायत परसेहरा नाथ फिर से एक बार चर्चो में आ गयी है, एक मामले में बीडीओ ने कोई कार्यवाही नही की वही फिर से एक बार बिना कार्य के बीडीओ ने भुगतान करा दिया है, ग्राम पंचायत में चल रहे मनरेगा कार्य रामाकांत के खेत से मगरे के खेत तक ड्रेन खुदाई कार्य पर बिना कार्य के भुगतान करा दिया है,इस कार्य पर ड्रेन पानी से लंबालब भरी है, फिर भी भरे हुए पानी मे फर्जी हाजिरी दर्ज की जा रही है,उक्त कार्य में आने वाली स्टीमेट लागत में 3 लाख 96 हजार 565 रुपये तय की गई है, कार्य कराये बिना ही 1 लाख 71 हजार351 का भुगतान भी कर दिया गया है, अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब कार्य नही हुआ तो फिर भुगतान कैसे हो गया, बिना कार्य के तकनीकी सहायक ने एम बी क्यो की अगर की भी तो बीडीओ ने क्यो भुगतान करा दिया ,कही सूत्रों का कहना सही तो नही?
जब इस सम्बन्ध में तकनीकी सहायक अंशुमाली श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि काम हो रहा है ड्रेन में पानी नही भरा है मेरे द्वारा जांच की गई है, पानी होगा भी कैसे जब इधर बारिश ही नही हुई है।

जब इस सम्बंध में मुख्य विकास अधिकारी सीतापुर से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मंगवाती हूँ।

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