हजारों की संख्या मे चयनित छात्र-छात्राएं पटेल सर को मानते हैं अपना आदर्श।
लखीमपुर खीरी: छोटी काशी नाम से विख्यात गोला गोकरननाथ में जहां भक्ति पूजा पाठ की अपनी एक आस्था है वही पढ़ाई को लेकर भी गोला गोकर्णनाथ बड़े से बड़े शहर से पीछे नहीं है।
बीते 10 वर्ष से लगातार गोला गोकरननाथ में एकेडमिक पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए तमाम प्रतियोगी संस्थान संचालित हो गए हैं। लेकिन इन 10 वर्षों में गोला नगर को प्रतियोगी संस्थान का केंद्र बनाने का श्रेय नगर वासी और चयनित छात्र छात्रा व उनके अभिभावक पटेल सुशील वर्मा सर को देते हैं।
एसएससी एमटीएस से लगाकर एस आई (दरोगा) व बैंक मैनेजर, शिक्षक तक के बड़े-बड़े अहम पदों पर हजारों की संख्या मे छात्र-छात्राऐं सुशील सर की देख रेख मे चयनित हुए हैं।
34 वर्षीय पटेल सुशील वर्मा लखीमपुर खीरी के छोटे से गांव कोटरी पोस्ट नीमगांव से शुरुआती पढ़ाई की जिसके बाद गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज से एम सी ए (एमएमटीयू गोरखपुर) पूर्ण करने के बाद गोरखपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम करने के बाद कुछ कारणों के चलते गोला गोकर्णनाथ वापसी करना पड़ा।
इसके बाद 2014 में पटेल सर ने गोला गोकर्णनाथ में कंपटीशन क्लास की अलख जगाई और एक-एक करके हजारों की संख्या में अभी तक छात्र-छात्राओं को चयनित कराने का काम किया है।
बातचीत मे पटेल सर ने बताया कि गोला नगर के छात्र तो बाहर जाने में सक्षम थे वहीं छात्राओं को बाहर निकलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था जिस वजह से गोला नगर मे 2014 में न्यू पैरामाउंट कंपटीशन क्लासेस की स्थापना की गई। 10 साल पूर्व जब कंपटीशन क्लास शुरू किया गया था तो लोगों में कम दिलचस्पी दिखाई देती थी लेकिन जब सिलेक्शन होने की शुरुआत हो गई तो तमाम छात्र-छात्राओं की रुचि सामने आने लगी ऐसे में कई निर्धन छात्र छात्रा भी पढ़ने की इच्छा रखते थे जिनको निशुल्क भी पढ़ाया गया और ऐसे छात्र छात्राएं ज्यादा संख्या में चयनित भी हुए।
पटेल सर ने बताया कि उनका उद्देश्य है कि गोला नगर व आसपास के क्षेत्र में प्रत्येक परिवार में कम से कम एक सदस्य सरकारी नौकरी में जरूर हो। वही छात्र-छात्राओं को लेकर बताया कि यदि प्रत्येक छात्र छात्राएं अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उस लक्ष्य पर ईमानदारी से काम करते हैं तो उन्हें सफलता निश्चित मिलती है।