कुतुबनगर कंपोजिट विद्यालय का मामला,
सीतापुर। बच्चें जहा शिक्षा ग्रहण करते हैं, उसे शिक्षा का मंदिर भी कहा जाता है, गुरुजनों को इस मंदिर का पुजारी भी कहते हैं,जब इन्हीं पुजारियों पर बच्चों के अभिभावकों द्वारा आरोप लगाकर बच्चों को किसी अन्य स्कूल मे पढ़ाने की बात शिक्षा अधिकारियों से कही जाए तो यह विषय गंभीर मालूम पड़ता है, मामला विकास खंड मिश्रिख की ग्राम पंचायत कुतुबनगर के कंपोजिट विद्यालय का है,यहा पर प्रधानाध्यापक पद पर गांव के ही निवासी शिवगोपाल तैनात है। जिनके चरित्र पर अभिभावकों ने रंग मिजाज आशिकी जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अभिभावक कासिम, हरिपाल, सत्रोहन, अब्बास, सहित दो दर्जन से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर युक्त शिकायती पत्र दिया है। सूत्रों के अनुसार बीते मंगलवार जब विद्यालय छुट्टी के समय बंद हो रहा था,सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं विद्यालय से जा चुके होते है तब विद्यालय में प्रधानाध्यापक द्वारा कृत कुक्रत कार्य किया जाता यह बात जब अभिभावकों को पता चली तो काफ़ी संख्या मे ग्रामीणों के साथ आज वह स्कूल पहुंचे और घटना के संबंध में मालूमात कर विरोध जताने लगें।
सूचना मिलने पर प्रधान प्रतिनिधि नैमिष गुप्ता विद्यालय पहुंचे व प्रकरण के संबंध मे सभी से शांत पूर्व बात करने का आग्रह किया। ग्रामीणों ने उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत कराया। वही स्कूल की एक छात्रा का वीडियो भी पूरे प्रकरण को लेकर बताते हुए सामने आया है। इस संबंध मे जब खंड शिक्षा अधिकारी कपिल देव द्विवेदी से फोन द्वारा जानकारी ली गईं तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान मे आया है। पर अभी तक कोई शिक़ायत पत्र नही मिला है। मिलते ही जांच करकें आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि अगर जांच होती है तो प्रधानाध्यापक दोषी पाए जाते हैं। या अभिभावकों के आरोप निराधार साबित होते हैं। फ़िलहाल मामला शिक्षा के मंदिर से संबंधित है, जो कि गंभीर है। आला अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।