लखीमपुर खीरी के ईसानगर दिलावलपुर में नहीं थम रहा बंदरों का आतंक

ब्यूरो रिपोर्ट

खेतों में फसल की रखवाली कर रहे अधेड़ पर हमला बोलकर किया लहुलुहान

वन क्षेत्राधिकारी ने बंदरों को पकड़ने के सुझाये उपाय

लखीमपुर-खीरी: जनपद खीरी के ब्लॉक ईसानगर क्षेत्र के दिलावलपुर गांव में हिंसक हुए बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते एक माह में जहां बंदरों ने 50 लोगों को काटकर घायल कर दहशत फैला दी है,वही शनिवार को खेतों में फसल की रखवाली कर रहे एक अधेड़ पर हमला बोलकर बंदरों ने उसे लहूलुहान कर दिया। जिसकी चीखपुकार सुनकर पहुचे ग्रामीणों ने उसे बंदरों से किसी तरह आजाद करवाकर घायलावस्था में अस्पताल ले जाकर इलाज़ शुरू करवाया है, वही ग्रामीणों की सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी ने ग्राम पंचायत स्तर से बंदरों को पकड़कर जंगलों में छोड़ने के उपाय सुझाये गए है।
जनपद खीरी के ब्लॉक ईसानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत दिलावलपुर में सैकड़ों की तादात में हिंसक हुए बंदर खेतों व घरों में घुसकर आये दिन लोगों पर हमला कर करीब 50 लोगों को पहले ही घायल कर चुके है। जो सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है इसी क्रम में शनिवार को गांव के रामलखन (47) पुत्र रामदयाल गांव के पश्चिम स्थित अपने खेत मे फसलों को बचाने गए थे जहां पहुचे बन्दरो ने रामलखन पर हमला बोल दिया। जिसकी चीखपुकार सुनकर पड़ोस के स्कूल समेत गांव के बच्चों व बुजर्गों ने दौड़कर किसी तरह से रामलखन को बंदरों से छुड़ाने में क़ामयाबी तो हासिल कर ली पर तब तक बंदर उसे लहूलुहान कर चुके थे। जिसको घायलावस्था में ले जाकर ग्रामीणों ने नजदीकी डॉक्टर के यहाँ भर्ती कराकर उसका इलाज शुरू करवा दिया है।

वन क्षेत्राधिकारी ने बंदरों को पकड़कर जंगल मे छोड़ने के सुझाए उपाय

बंदरों द्वारा किए गए हमले में घायल रामलखन की सूचना ग्रामीणों ने धौरहरा रेंज के वनक्षेत्राधिकारी एनके चतुर्वेदी को दी तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों को ग्राम पंचायत स्तर से ग्राम प्रधान के माध्यम से बंदरों को पकड़वाकर जंगलों में छोड़ने की बात कही साथ ही बताया कि बंदरों को पकड़ने वाले मथुरा से लोग आते है जिनका संपर्क नम्बर ग्रामीणों को उपलब्ध करवाकर उन्होंने उनकी मदद लेने के बारे में भी बताया है।वही ग्रामीणों ने वन क्षेत्राधिकारी से मिले नम्बरों को लेकर बंदर पकड़ने वालों से संपर्क शुरू कर दिया है।

Related Articles

Back to top button