हिमाचल प्रदेश में बुधवार देर रात कुदरत ने बरपाया कहर 40 से अधिक लोग लापता

शिमला। हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर सामने आया है। कुल्लू, मंडी और शिमला में तीन जगहों पर बादल फटा है। जिसमें 40 से अधिक लोग लापता हो गए हैं। दो लोगों की मौत भी हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। राहत बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रही है।

बादल फटने की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

मंडी में दो की मौत 9 लापता
मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के धम्चयाण पंचायत के राजवन गांव में आधी रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई घर पानी में तेज बहाव में बह गए हैं। 11 लोग लापता हो गए हैं। 2 शव भी बरामद हुए हैं।

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन राहत एवं बचाव दल के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान के लिए वायुसेना की मदद मांगी है।

बुधवार रात करीब 12 बजे राजवन गांव में बादलों की गड़गड़ाहट के बीच जोर का धमाका हुआ। देखते ही देखते चारों ओर पानी ही पानी हो गया।

समेज खड्ड में फटा बादल, 32 लापता
शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र के समेज में बादल फटने से तबाही हुई है। जिसमें 6 परिवार लापता हो गए हैं। हादसे में 32 लोग लापता हो गए हैं। लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है। समेज में एसेंट हाइड्रो 6 मेगावाट प्रोजेक्ट भी बह गया है।

रामपुर के खनेरी अस्पताल से चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंच गई है। समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटा है। लापता लोगों की संख्या 32 हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत तेजी से चल रहा है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम, पुलिस, रेस्क्यू दल घटना स्थल के रवाना हो चुके हैं।

कुल्लू के मणिकर्ण वैली में फटा बादल
बागीपुल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुद्वि सिंह ठाकुर ने बताया कि बागीपुल में टॉप पर बादल फटने से कुर्पन खड्ड में बाढ़ आ गई। इसमें सिंह गांड में कई दुकानें, होटल बह गए। यहां पर किसी के जानी नुकसान की सूचना नहीं है।

जबकि बागीपुल में नौ मकान बह गए हैं। इसमें एक मकान में चार सदस्यों का परिवार भी लापता है। उनके बहने की आशंका है। ऐसे में सुबह से उनकी तलाश की जा रही है।

देर रात को आई पार्वती नदी, ब्यास नदी, का जल स्तर काफी बढ़ गया है। उधर सैंज में भी पिन पार्वती नदी का जल स्तर बढ़ने से नुकसान की आशंका बनी है। हालांकि अभी तक कोई सूचना नहीं मिल पाई है।

वहीं, सैंज में बहने बाली पिन पार्वती नदी ने ठीक एक साल बाद अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।

बुधवार रात को सैंज घाटी में भारी बारिश होने से एक ओर जहां नदी का जलस्तर बढ़ा, वहीं नदी पर बने बांध के गेट एकाएक खोलने से सैंज बाजार को जोड़ने बाली मुख्य सड़क सहित अनेकों वाहन भी इसकी चपेट में आ गए।

पार्वती जल विद्युत परियोजना के बांध में जमा पानी को छोड़ने से सहज बाजार में अफरा-तफरी मच गई। बाजार की एक हिस्से में नदी ने मुख्य सड़क को ही काट दिया और लोगों के दुकानों में घुस गई।

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