कोठी। थाना क्षेत्र के कुम्हरावां गांव में 50 वर्ष पुराने सार्वजनिक रास्ते पर प्रधान ने इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण का प्रस्ताव देकर कार्य शुरू कराया। मगर आबादी से सटे एक खातेदार ने विरोध कर दिया। करीब 40 दिनों से निर्माण कार्य ठप है। एसडीएम हैदरगढ़ से मामले का निस्तारण नहीं होने से करीब चार दर्जन लोगों को आवागमन में दिक्कतें हैं। बीडीओ सिद्धौर ने एसडीएम हैदरगढ़ स्तर कार्य रोकने पुष्टि की है।
सिद्धौर ब्लॉक क्षेत्र के कुम्हरावां गांव में 50 वर्ष से अधिक पुराना रामनरेश के घर से सीसी रोड तक सार्वजनिक खड़ंजा मार्ग व कच्ची नाली थी। प्रधान सुनीता पटेल व प्रतिनिधि कमल सिंह पटेल द्वारा इंटरलॉकिंग व पक्की नाली निर्माण का प्रस्ताव हुआ। 15 वें वित्त आयोग से शुरू निर्माण कार्य को लेकर गांव की एक पक्ष ने स्वयं भूमि की रक्बा में निर्माण कार्य को लेकर विरोध किया। 10 सितंबर से कार्य ठप है। जो शनिवार तक दोबारा शुरू नहीं हो सका। यहां गुजरने वाले बृजेश, विजय वर्मा, अमर सिंह, संदीप कुमार, अवधराम, शेर बहादुर, विनोद, रामविलास व अयोध्या प्रसाद समेत करीब चार दर्जन से अधिक ग्रामीणों को आवागमन में समस्या है। करीब 40 दिनों से एसडीएम हैदरगढ़ सम्श तबरेज खान के स्तर से मामला निस्तारण को लंबित है। बीडीओ सिद्धौर पूजा सिंह का कहना है कि प्रधान द्वारा निधि से कार्य कराया जा रहा है। ब्लाक से स्तर से कोई रोक नहीं है। उन्होंने बताया कि एसडीएम हैदरगढ़ द्वारा निर्माण कार्य रोका गया है। उधर, एसडीएम हैदरगढ़ का कहना है कि दोनों पक्षों को बुलाकर बात की गई थी। सोमवार को पुनः मौके पर टीम भेजकर निर्माण शुरू कराया जाएगा।
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जांच में इंटरलॉकिंग व नाली को ठहराया सही
बीडीओ सिद्धौर पूजा सिंह ने बताया कि कुम्हरावां गांव निवासी रामकिशुन द्वारा हुई आईजीआईएस शिकायत पर दो सदस्यीय टीम एडीओ पंचायत उमेश कुमार पटेल एडीओ आईएसबी राधेश्याम द्वारा जांच की गई है। उनकी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग से प्रधान सुनीता देवी द्वारा रामकिशुन के घर से सीसी रोड तक इंटरलॉकिंग कार्य प्रस्तावित है। जो कि जनहित के लिए आवश्यक है। क्योंकि गांव आधी आबादी का एकमात्र रास्ता है। रिपोर्ट में आगे पुश्तैनी जमीन पर जबरन निर्माण कार्य करने आरोप निराधार बताया है। साथ बगैर एस्टीमेट व अनुमति के इंटरलॉकिंग कार्य कराने के भी आरोप गलत है। रिपोर्ट में 14 अगस्त के प्रस्ताव में खड़ंजा व कच्ची नाली के स्थान पर ही तकनीकी स्वीकृति के बाद निर्माण है। इसके बावजूद भी निर्माण कार्य नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। वह डीएम कार्यालय को घेराव किए जाने की बात कही है।