हमारी सरकार ने खोले आठ लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते : मुख्यमंत्री

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद करीब 8 लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते खोले गए। वर्ष 2005 में जब न्यू पेंशन स्कीम लागू हुई तब प्रदेश में सपा सरकार थी। वहीं 2007 से 2012 तक बसपा और फिर 2012 से 2017 तक सपा सत्ता में थी, मगर ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक भी कर्मचारी के पेंशन खाते नहीं खोले गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में जब ये बात हमारे सज्ञान में आई तब हमने तत्कालीन फाइनेंस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। इसमें संबंधित विशेषज्ञों को भी रखा गया। कर्मचारी संगठनों से भी चर्चा की गई। ये लगभग आठ लाख कर्मचारियों से संबंधित मुद्दा था। तब ये बात सामने आई थी कि कर्मचारी की लास्ट पेमेंट जो ड्रॉ होगी उसका 50 प्रतिशत देने के लिए आवश्यक होगा कि सरकार अपना शेयर थोड़ा और बढ़ाए। आकलन में पता लगा कि अगर सरकार अैर कर्मचारी समय से पैसा जमा करें और कर्मचारी किसी स्कीम से अपना पैसा जोड़ता है तो रिटायरमेंट के बाद करीब 60 प्रतिशत तक पैसा पेंशन के रूप में उसे प्राप्त हो सकता है। इसके बाद हमने पेंशन स्कीम में सरकार के शेयर को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है। हमने सभी कर्मचारियों के अकाउंट खोले, 2005 से 2017 तक का पैसा जो कर्मचारियों के खाते में नहीं गया था, क्योंकि खाता ही नहीं था, उस पैसे को भी डालने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के वक्त जिन कर्मचारियों की नियुक्ति अंतिम चरण में थी, ऐसे 70 हजार लोगों को ओल्ड पेंशन स्कीम में ही रखा, इनमें एक बड़ी संख्या शिक्षकों की है। न्यू पेंशन स्कीम को प्राइवेट बैंकों में जमा करने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और इसमें कार्रवाई भी की गई है, साथ ही धनराशि को वापस लाने का कार्य किया गया है। सरकार की प्राथमिकता होती है कि किसी भी सरकारी स्कीम का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक में ही जुड़े।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनने पर बधाई दी और चुटकी लेते हुए कहा कि आशा करता हूं कि आप हमेशा नेता विरोधी दल बने रहें। उन्होंने कहा कि ये उच्च सदन है, यहां आने वाले सदस्यगण सभी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुछ स्थानीय निकाय, कुछ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, कुछ स्नातक मतदाताओं व राज्यपाल के मनोनयन से यहां आते हैं। सरकार आपकी भावनाओं का पूरा सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही पीठ से जो भी आवश्यक दिशा-निर्देश मिलते हैं, उसका भी सम्मान किया जाता है।

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