बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा ‘मेरी यात्रा’ कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को ‘पास्ट एज़ प्रेजेंट : डीकंटेक्सुअलाइजिंग क्लिफोर्ड मंशार्डत्स प्लेसमेंट इन सोशल वर्क एजुकेशन इन इंडिया’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें अबू ओसामा, सहायक आचार्य, समाज कार्य विभाग, राष्ट्रीय उर्दू केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद ने समाज कार्य के इतिहास को बताया।
कहा कि व्यावसायिक समाज कार्य के इतिहास का लिखित दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। प्रचलित धारणा के अनुसार 1936 में सर दोराबजी टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल वर्क को प्रथम व्यावसायिक समाज कार्य शिक्षण केंद्र के रूप में स्वीकार किया जाता है। सर्वेंट सोसायटी आफ इंडिया का कार्य भी व्यावसायिक समाज कार्य के सिद्धांतों के अनुरूप ही था। कहा कि क्लिफोर्ड मंशार्डत्स ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 41 साल भारत में बिताए और भारत की साझी संस्कृति में रच बस गए। उन्होंने इंग्लैंड जाकर बताया कि ईसाई मिशनरियों का कार्य धर्मांतरण न होकर मानव सेवा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संजीत गुप्ता ने की। स्वागत डाॅ. पुष्पा मिश्रा, निदेशक, शैक्षणिक ने तथा संचालन समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ. संजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर सहायक आचार्य डॉ. रूबी, डॉ. प्रेम भूषण, डॉ. नीरज कुमार सिंह, डॉ.गुंजन कुमार और डॉ. विजय शंकर पांडेय, डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, डॉ. स्मिता, डॉ. सौम्या एवं परिसर के विद्यार्थी उपस्थित रहे।