बलिया। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को विजन फार विकसित भारत विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. अनिल कुमार सिंह, पर्यटन प्रबंधन विभाग, बीएचयू ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचानकर उसके व्यक्तित्व का विकास करता है। गुरु में अगर गुरुत्व हो तो वह समाज की सारी कमियों को ठीक कर सकता है। भारत को विश्व गुरु बनाने का दायित्व हम सभी शिक्षकों का है।
इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल युवा आयाम द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता ‘विजन फॉर विकसित भारत’ के पोस्टर का लोकार्पण कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के गोरक्ष प्रांत के मंत्री प्रदीप सिंह और सह संपर्क प्रमुख डॉ. संजीव कुमार उपस्थित रहे।यह शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता चार स्तरों पर आयोजित की जा रही है। जिसमें स्नातक स्तर , परास्नातक स्तर, रिसर्च स्कॉलर और एक ओपन कैटेगरी जिसमे 40 वर्ष से नीचे का कोई भी प्रतिभागी शोध पत्र लिख सकता है। प्रांत स्तर पर चयनित शोधार्थी एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम हरियाणा में नेशनल रिसर्च कांक्लेव में प्रतिभाग करेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित शोधार्थियों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों जैसे डीआरडीओ, इसरो आदि में शोध करने का अवसर प्राप्त होगा। शोध पत्र लेखन प्रतियगिता की पंजीयन प्रक्रिया ऑनलाइन www.bsmbharat.org पर संपन्न की जा सकती है। विषयों की सूची भारतीय शिक्षण मंडल की वेबसाइट पर उपलब्ध है। वेबसाइट के रजिस्टर्ड शोधार्थियों के लिए रिसर्च पेपर कैसे लिखें, विषय पर कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। इन शोध पत्रों का मूल्यांकन प्रांत स्तर के विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा और चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किया जाएगा। चयनित शोध पत्रों का प्रकाशन भी यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त जर्नल में किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अजय कुमार चौबे तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. छबिलाल ने किया।