एक सप्ताह बाद भी डॉक्टर लूटकांड का खुलाशा नही

बदायूं। शहर में डॉक्टर दंपती को बंधक बनाकर हुई लूटपाट की घटना के एक सप्ताह बाद भी पुलिस खाली हाथ है। पुलिस की चार टीमें बदमाशों का सुराग लगने में नाकाम साबित हो रही हैं। बदमाशों की तस्वीर सीसी कैमरे में कैद है, पुलिस को फुटेज मिल गई, लेकिन फिर भी कोई सफलता नहीं मिली है।

यह घटना 16 अगस्त की शाम हुई थी। उस दिन पांच-छह बदमाश मरीज बनकर परशुराम चौक के नजदीक डॉ. सुरेंद्र गोविल और डॉ. मृदुला गोविल के क्लीनिक में घुस गए थे। उन्होंने तमंचे के बल पर डॉक्टर दंपती को बंधक बना लिया था और लूटपाट शुरू कर दी थी। जिस समय वह घर में लूटपाट कर रहे थे। तभी अचानक डॉक्टर के मित्र अधिवक्ता तरित माथुर वहां पहुंचे गए थे।

उन्होंने दरवाजा खटखटाया था और डॉक्टर को कॉल किया। तभी बदमाश दूसरे दरवाजे से निकलकर भाग गए थे। हालांकि वह ज्यादा लूटपाट नहीं कर पाए थे, लेकिन 15-20 मिनट में बदमाशों ने 40 हजार नकद और दो सोने के जेवर लूट लिए थे। सरेशाम हुई घटना की जानकारी के बाद पहुंचे एसएसपी ने इंस्पेक्टर कोतवाली राजीव कुमार तोमर, क्राइम इंस्पेक्टर सहंसरवीर सिंह समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था।

साथ ही इसके खुलासे को कोतवाली इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह, एक सब इंस्पेक्टर, सिविल लाइंस इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई और एसओजी प्रभारी धर्वेंद्र कुमार को लगाया है। चारों टीमों गा निर्देशन एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है।

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