रामसनेहीघाट (बाराबंकी)। सुमेरगंज में चल रही रामलीला के आठवें दिन कलाकारों द्वारा सीता खोज, लंका दहन, विभीषण शरणागति, रावण अंगद संवाद का मंचन किया गया। सीता माता की खोज के लिए जामवंत हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाते हैं। शक्तियां याद आने के बाद समुद्र लांघकर वे लंका पहुंच जाते हैं जहाँ उनकी मुलाकात विभीषण से होती है, जो सीता माता का पता बताते हैं। रात में वे अशोक वाटिका पहुंचते हैं, जहां सीता जी को विभिन्न राक्षसी डरा रही होती हैं। हनुमान जी भगवान राम द्वारा दी गई मुद्रिका माता सीता के सामने डालते हैं, जिसे वे पहचान लेते हैं। तभी वे अशोक वृक्ष से उतर उनके सामने आ जाते हैं। यहां पर सीता और हनुमान का बड़ा ही मार्मिक संवाद होता है। इसके बाद हनुमान, सीता जी से अशोक वाटिका में लगे फलों को खाने का निवेदन करते हैं, जिसकी वे आज्ञा दे देती हैं। हनुमान जी रावण के राजउद्यान को तहस-नहस कर देते हैं। विभीषण की राम भक्ति से क्रोधित रावण उनको लंका से निकाल देते हैं। इसके बाद सभी वानर मिलकर समुद्र पर पत्थर का पुल बनाते हैं और सभी लंका पहुंच जाते हैं। राम के दूत अंगद दरबार में पहुंचते हैं और रावण से संवाद करते हैं। अंगद कहते हैं कि कोई मेरा पैर टस से मस कर दे तो मैं मान जाऊंगा कि आप राम को पराजित कर सकते हैं। रावण पांव उठाने आता है तो अंगद पैर हटाकर उसे भगवान राम के पैर पकड़ने की सलाह देते हैं।
शनिवार को सुमेरगंज के ऐतिहासिक दशहरा मैदान में रावण दहन व दशहरा मेले का आयोजन किया जाएगा। राम रावण व लक्ष्मण मेघनाद संवाद का भीषण युद्ध व रावण दहन आयोजन किया जाएगा। दशरहा के दिन रावण के 30 फुट ऊंचे पुतले का दहन किया जाएगा। दशहरे के दूसरे दिन दोपहर में दंगल का आयोजन होगा जिसमें कई प्रदेशों के पहलवान हिस्सा लेंगे वहीं शाम को सुमेरगंज चौराहे पर भरत मिलाप, शोभायात्रा व भगवान राम का राज्याभिषेक कार्यक्रम आयोजित होगा।