प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की सहनशीलता की सराहना की। सीएम ने शनिवार को मेला क्षेत्र का दौरा किया। संतों को संबोधित करते हुए कहा कि संतों ने धैर्य के साथ काम किया।
सीएम योगी ने कहा कि संत सनातन धर्म के आधार स्तंभ हैं, कठिन समय में मर्यादा बनाए रखते हैं। महाकुंभ में जब भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई तो संतों ने संयम बनाए रखा। सरकार भी स्थिति पर नजर बनाए हुए थी, जिसके चलते स्थिति जल्दी नियंत्रण में आ गई।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सनातन धर्म ही मानवता का आधार है। यदि सनातन रहेगा तो मानवता भी सुरक्षित रहेगी। कुछ लोग चाहते थे कि संतों का धैर्य जवाब दे जाए और महाकुंभ में अव्यवस्था फैले, लेकिन संतों ने एक अभिभावक की तरह स्थिति को संभाला।
सीएम ने 13 अखाड़ों और साधु-संतों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने कठिन समय में धैर्यपूर्वक कार्य किया। सीएम योगी ने यह भी कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजनों में अनुशासन और धैर्य की जरूरत होती है। उन्होंने श्रद्धालुओं और प्रशासन को धन्यवाद दिया कि उन्होंने स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया।
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को कुंभ में हुई घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि बजट मायूस कर सकता है, लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण कुंभ है। कुंभ में कई लोग अपने परिवार वालों को खोज रहे हैं। केंद्र सरकार के सभी मंत्री स्नान करके चले गए, लेकिन उसी कुंभ में कई लोगों की जान चली गई। यह भी सवाल उठाया कि कुंभ का बजट इतना बड़ा था, लेकिन फिर भी अव्यवस्थाएं क्यों बनीं?
उन्होंने कहा कि सरकार को कुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं की सही संख्या सार्वजनिक करनी चाहिए और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि हिंदुओं की जान गई है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत, 60 घायल दरअसल, मौनी अमावस्या के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करने पहुंचे थे। अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए। प्रशासन ने इस भगदड़ के पीछे भीड़ के अत्यधिक बढ़ जाने को कारण बताया है, लेकिन विपक्ष इसे सरकार की विफलता मान रहा है।