रोहनिया। बिजली चोरी की शिकायत पर जांच करने गई टीम को ग्रामीणों ने भैंस चोर समझकर पीट दिया। घटना में दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के आरोपाें को गलत बताते हुए कोतवाली में तहरीर दी गई है।
सरकपुर डिहवा निवासी राममूरत का कहना है कि रविवार की तड़के करीब तीन बजे वह अपने घर में लगी आटा चक्की पर सो रहे थे। पास बने भैंस के तबेले में आहट पर आंख खुली तो देखा पांच से छह लोग खड़े हैं। शोर मचाने पर सभी भागने लगे, जिसपर ग्रामीणों ने तीन लोगों को दौड़ा कर पकड़ लिया और मारपीट करते हुए उनसे पूछताछ करने लगे।
पूछताछ में पकड़े गए युवकों ने स्वयं को बिजली विभाग के कर्मचारी बताते हुए कहा कि बिजली चोरी की शिकायत पर जांच करने आए हैं। राममूरत ने बताया कि 13 जून को उनके तबेले से दो भैंस चोरी हो गई थीं। जिसकी तहरीर कोतवाली में दी गई है। वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग के अवर अभियंता अवनीश कुमार ने आरोप लगाया है कि वह टीम के साथ चंद्रिका प्रसाद के घर बिजली चोरी की जांच करने गए थे। जांच से आक्रोशित होकर उपभोक्ता और उनके पुत्रों ने मिलकर कर्मचारियों से मारपीट की, जिसमें चार कर्मी घायल हुए हैं।
अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा बिजली चोरी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत सरकपुर डिहवा गांव में टीम जांच करने गई थी। इस दौरान उपभोक्ता द्वारा टीम पर हमला किया गया जिसमें अवर अभियंता सहित टीम के कई कर्मी घायल हुए हैं। आरोपियों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मारपीट करने का मामला संज्ञान में आया है। जांच की जा रही है।