खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद से दोनों देशों के रिश्ते खराब है। तनाव भरे इस वक्त में 1985 में एयर इंडिया के विमान में हुए बम विस्फोट को लेकर एक पुरानी रिपोर्ट फिर सामने आई है।
कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (CBC) द्वारा 2003 में प्रकाशित रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें कनाडा की सुरक्षा एजेंसी CSIS (कैनेडियन सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस) के खिलाफ आरोपों पर नए सिरे से आक्रोश फैल रहा है। कहा गया है कि 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार समूह के अंदर एक जासूस शामिल था।
खालिस्तानी अलगाववादी समूह में शामिल था कनाडा का जासूस
कनाडा के RCMP (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) द्वारा जारी डॉक्यूमेंट्स पर आधारित 21 साल पुरानी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CSIS ने एयर इंडिया बम विस्फोट की साजिश रचने वाले समूह में सुरजन सिंह गिल नाम के एक जासूस को शामिल किया था। दावा किया गया है कि एजेंसी ने गिल को अंतिम समय में समूह से बाहर निकाल लिया था ताकि वह हमले में शामिल न हो।
सीबीसी की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि कैसे CSIS ने गिल को खालिस्तानी अलगाववादी समूह में शामिल किया था। यह समूह बम विस्फोट की साजिश रच रहा था। बम विस्फोट से ठीक पहले CSIS ने गिल को साजिश से खुद को दूर करने के लिए कहा था।
CSIS ने एयर इंडिया बम विस्फोट के सबूत नष्ट किए
RCMP सार्जेंट जिम हंटर ने उस समय सीबीसी के साथ एक इंटरव्यू में खुलासा किया था, “उन्होंने (CSIS) उसे (सुरजन सिंह गिल) को वहां से चले जाने के लिए कहा।” गिल की संलिप्तता के बावजूद उस पर कभी भी बम विस्फोट के संबंध में आरोप नहीं लगाया गया। उसे लंदन भेजा गया, जहां वह तब से रह रहा है।
रिपोर्ट में CSIS पर एयर इंडिया बम विस्फोट की जांच से संबंधित महत्वपूर्ण वायरटैप सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, “सैकड़ों वायरटैप” मिटाये गए। इससे बम विस्फोट के पीछे की साजिश को पूरी तरह से उजागर करने में बाधा आई।