नूंह और मणिपुर हिंसा में शामिल दंगाइयों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग

 वाराणसी । स्थित नूंह (मेवात) और मणिपुर हिंसा को लेकर हिन्दूवादी संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है। हिंसा में शामिल दंगाइयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति का एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार वर्मा से उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधि मंडल ने गृहमंत्री अमित शाह को सम्बोधित चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद समिति के राजन केशरी,इंडिया विथ विजडम के संस्थापक अध्यक्ष अधिवक्ता कमलेश चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि दंगे में सहभागी रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों को बंदी बनाकर देश से बाहर भगाने,दंगे के प्रसारित वीडियो एकत्रित कर उसके आधार पर संवेदनशील क्षेत्र में कांबिंग ऑपरेशन, दंगाइयों के खिलाफ ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई,विदेश से फंडिंग अथवा शस्त्र-अस्त्र की आपूर्ति की जांच,दंगे में मारे गए हिन्दुओं के परिजनों को सरकारी नौकरी और उनके बच्चों को शिक्षा दिलाने की मांग की गई है।

राजन केशरी ने आरोप लगाया कि पिछले तीन महीनों से मणिपुर में कुकी (ईसाई) समाज द्वारा योजनाबद्ध हिंसा कर कश्मीर के समान मणिपुर को हिन्दू विहीन बनाने का बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है । हाल ही दिल्ली में मोहर्रम की शोभायात्रा के समय छोटे बच्चों के माध्यम से हिन्दुओं पर तथा सरकारी बसों एवं सार्वजनिक संपत्ति पर हमले किए गए। प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं न्याय परिषद के महासचिव अधिवक्ता अरुण मौर्य, अधिवक्ता सूरज यादव, अधिवक्ता शुभम यादव, अधिवक्ता प्रवीण श्रीवास्तव, बजरंग दल के संजय गुप्ता, पंचचक्र हनुमान चालीसा ग्रुप वाराणसी के अध्यक्ष राजकुमार पटेल आदि शामिल रहे।

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