अब दयानिधि मारन के बयान पर मचा राजनीतिक घमासान

चेन्नई। द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार के बाद पार्टी के लोकसभा सदस्य दयानिधि मारन की उत्तर भारतीयों को लेकर अपमानजक टिप्पणी सामने आने के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।

दयानिधि मारन का कुछ महीने पहले का वीडियो अब प्रसारित हुआ है। इस वीडियो में मारन ने कथित तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में जिन लोगों ने ‘केवल हिंदी’ सीखी है, वे तमिल सीखने के बाद तमिलनाडु में मकान बनाते हैं और सड़क तथा शौचालय साफ करते हैं।

‘केवल हिंदी’ सीखी
अगर हिंदी सीखी जाए तो यही स्थिति होती है। मारन ने इस साल मार्च में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि तमिल और अंग्रेजी दोनों के अध्ययन की उनकी पार्टी द्रमुक हमेशा से वकालत करती रही है। तमिलनाडु के लोगों ने इसका अनुसरण किया है।

तमिलनाडु के मूल निवासी सुंदर पिचाई का उदाहरण देते हुए मारन ने कहा कि वह अब गूगल के प्रमुख हैं और अगर उन्होंने हिंदी सीखी होती, तो वह विनिर्माण क्षेत्र में श्रमिक के रूप में काम कर रहे होते। वीडियो में वह यह कहते सुनाई देते हैं कि चूंकि तमिलनाडु के बच्चे शिक्षित होते हैं तथा अच्छी अंग्रेजी सीखते हैं, इसलिए उन्हें आइटी क्षेत्र में रोजगार और अच्छा वेतन मिलता है। इससे पहले सेंथिल कुमार के बयान पर भी बवाल मच चुका है।

तीन राज्यों में भाजपा की जीत पर सेंथिल कुमार का विवादित बयान
इसी महीने उत्तर भारत के तीन राज्यों में भाजपा की जीत पर सेंथिल कुमार ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि देश के लोगों को सोचना चाहिए कि भाजपा की ताकत मुख्य रूप से ¨हदी भाषी राज्यों में चुनाव जीतना है, जिन राज्यों को हम आम तौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं।

भाजपा ने दयानिधि मारन के बयान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने कहा कि द्रमुक सांसद की टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक है। इसमें ¨हदी भाषी लोगों के लिए अपमानजनक संदर्भ है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह निश्चित तौर पर द्रमुक की आदत बन गई है। उसके नेता एक के बाद एक इस तरह की टिप्पणियां करते रहते हैं। इससे पहले उन्होंने सनातन धर्म पर भी हमला बोला था। लेकिन कांग्रेस और आइएनडीआइए की अन्य पार्टियां इसलिए कुछ नहीं कह रही हैं, क्योंकि शायद वे सभी इसमें एक साथ हैं।

भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूछे सवाल
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, उन्हें (बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का) इस तरह अपमान बंद कर देना चाहिए। प्रसाद ने आरोप लगाया, बिहार में उनके (द्रमुक) सहयोगी नीतीश कुमार द्वारा पैदा की गई स्थितियों के कारण बिहार से मजदूर काम के लिए तमिलनाडु जाते हैं। लेकिन अगर कोई मेहनत-मजदूरी करेगा तो क्या आप उसका इस तरह अपमान करेंगे?

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी मारन के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि कोई अगर इस प्रकार का बयान दे रहा है तो यह बर्दाश्त नहीं। बिहार और यूपी के लोग दूसरे राज्यों में काम करने नहीं जाएंगे तो उनकी जिंदगी ठप पड़ जाएगी।

‘हमलोग हर किसी का सम्मान करते हैं’
तेजस्वी ने कहा कि हमलोग हर किसी का सम्मान करते हैं। हम चाहते हैं कि अन्य राज्यों के लोग भी यूपी-बिहार के लोगों का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि वह द्रमुक को ऐसी पार्टी के रूप में देखते हैं, जो सामाजिक न्याय के हमारे आदर्श को साझा करती है। लेकिन, उसके नेताओं को ऐसी बातें कहने से बचना चाहिए, जो आदर्श के विपरीत हों। जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ऐसा बयान किसी राजनेता का नहीं हो सकता। इस तरह के बयान का नोटिस ही नहीं लिया जाना चाहिए।

Related Articles

Back to top button