- राजधानी में अवैध शराब के धंधे पर रोक लगा पाना पुलिस और आबकारी विभाग के लिए साबित हो रहा चुनौती
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ
राजधानी में हरियाणा निर्मित अवैध शराब के धंधे पर रोक लगा पाना पुलिस और आबकारी विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है। आबकारी विभाग ने साल 2023 में करीब एक करोड़ रुपये की अवैध शराब पकड़ी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में अवैध शराब का रैकेट कितनी तेजी से फैला हुआ है। पुलिस और आबकारी विभाग अगर अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ और सख्ती से कार्रवाई करें, तो जुर्माना राशि और बढ़ सकती है। एक शराब कारोबारी ने अपना नाम अख़बार में ने छापने की शर्त पर बताया कि रोजाना करीब 10 लाख रुपये की अवैध शराब लखनऊ भर में बिकती है, लेकिन उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
बता दें कि पुलिस और आबकारी विभाग ने मिल कर साल भर छापेमारी अभियान भी चलाया। कई जगह अवैध शराब पकड़ी गई। लेकिन, इस कारोबार पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अवैध शराब के करोबार में स्थानीय लोग मिले होते हैं, जानकारी के अभाव में यह धंधा फलता-फूलता रहता है।वहीं लोगों का आरोप है कि शराब की अवैध बिक्री पुलिस और आबकारी विभाग की निगरानी में होती है। अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए अभियान चलाया जाता है। इसके चलते विभाग ने सालभर में अवैध करोबारियों पर करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।आबकारी विभाग के एक सेवानिवृत अधिकारी का कहना है कि एक्साइज एक्ट के तहत अवैध शराब की बिक्री करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान नहीं है। इस वजह से आरोपी हर बार बरी होकर फिर से अपना धंधा शुरू कर देते हैं। कोई ठोस कानून नहीं होने के चलते अवैध बिक्री पर रोक लगना मुश्किल है।