केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार 21 दिसंबर को त्रिपुरा पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के 72वें पूर्ण सत्र का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्त हो गया है और अब पूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस को अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने का समय आ गया है
ताकि लोगों के लिए फौरन न्याय सुनिश्चित किया जा सके. पूर्वोत्तर के विकास पर खासा जोर देते हुए उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में तेजी से विकास हो रहा है. पूर्वोत्तर को श्रेष्ठ भारत के करीब लाना है. यहां के सभी राज्य समृद्ध और खुशहाल होंगे.
सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीते सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिससे पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति आई है. इन समझौतों के चलते 9,000 सशस्त्र उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. शाह ने कहा कि पुलिस ने चार दशकों तक पूर्वोत्तर में उग्रवाद से लड़ाई लड़ी, हालांकि अब उग्रवाद समाप्त हो चुका है, ऐसे में अब पुलिस बल के दृष्टिकोण को बदलने की जरूरत है ताकि लोगों को प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के अंदर न्याय मिल सके और उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो
‘जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित कर रही केंद्र सरकार’
गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल संपर्क के लिए 81,000 करोड़ रुपए और सड़क नेटवर्क के लिए 41,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. क्षेत्र में अब कनेक्टिविटी समस्या नहीं रही है. शाह ने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार इस क्षेत्र में जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित कर रही है. केंद्र ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पहले ही राष्ट्रीय जैविक निगम लिमिटेड (एनओसीएल) का गठन किया है.
‘एनओसीएल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करें’
उन्होंने कहा कि वो (पूर्वोत्तर के) सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करते हैं कि सभी सीएम जैविक उत्पादों की पैकेजिंग, विपणन और निर्यात के लिए एनओसीएल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करें. एनईसी के उद्घाटन कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.