नई दिल्ली। रेव पार्टियों में सांप का जहर सप्लाई किए जाने के मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव के साथ ही राहुल यादव नाम का शख्स भी फंसा हुआ है। रेव पार्टी और सांपों के जहर सप्लाई मामले में पुलिस रिमांड पर लिए गए राहुल ने कई राजफाश किए हैं। इसके बाद पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से दो कोबरा सांप भी बरामद किए हैं। पता चला है कि पकड़े गए सांपों को रखने के लिए फरीदाबाद में गोदाम बनाया गया था और वहीं पर सांपों का जहर निकाला जाता था।
राहुल को रिमांड पर लेकर की पूछताछ
नोएडा पुलिस ने राहुल को 24 घंटे के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ की। जानकारी के आधार पर पुलिस उन जगहों पर पहुंच रही है, जहां पर इन सांपों को रखा जाता था। नोएडा पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद के एक गांव से ऐसे ही दो कोबरा सांप बरामद किए हैं। जो अन्य प्रदेशों से तस्करी कर रेव पार्टी के लिए लाए गये थे। इस बीच राहुल के पास से बरामद लाल डायरी भी चर्चा में है, जिसमें कई नाम और पते कोड में लिखे गए हैं। पुलिस इन्हें डिकोड कर रही र्है।
बदरपुर से सांप लाकर वेयरहाउस में रखता था
पुलिस ने राहुल यादव के फरीदाबाद स्थित एक गांव में बने वेयरहाउस से दो कोबरा सांपों को बरामद किया है। कहा जा रहा है कि वह बदरपुर से सांप लाकर यहां रखता था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ सांप जो बदरपुर के गांव में नहीं मिलते तो उन्हें राजस्थान, झारखंड और अन्य राज्यों से लाकर सीधे इस गांव में रखते थे। पूछताछ में राहुल ने बताया था कि उसने अधिकतर पार्टी फाजिलपुर गांव में की हैं। सांपों का जहर राहुल के गिरोह के लोग निकालते थे। पुलिस ने अब दोनों कोबरा सांपों को वन विभाग को सौंप दिया गया है, इन सांपो का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
एल्विश से नहीं हुआ राहुल का आमना-सामना
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच के दौरान एल्विश के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। पुलिस तकनीकी सबूत और सर्विलांस के आधार पर एल्विश और फाजिलपुरिया की संलिप्तता के बारे में सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद राहुल को कड़ी सुरक्षा में लुक्सर जेल भेज दिया गया। रिमांड पर लिए गए राहुल का पुलिस एल्विश यादव से आमना-सामना नहीं करा पाई। पुलिस अधिकारियों ने पूर्व में दावा किया था कि राहुल को रिमांड पर लेकर एल्विश से उसका आमना-सामना कराया जाएगा। राहुल की निशानदेही पर पुलिस ने जो डायरी बरामद की है उसमें कई नाम व पते कोड भाषा में लिखे हैं, पुलिस इसे डिकोड कर रही है। हालांकि नोएडा पुलिस इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है।