कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए स्थापित टास्क फोर्स के सदस्य लगातार बाजारों का दौरा कर रहे हैं, इसके बावजूद कोलकाता के खुदरा बाजारों में सब्जियों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
मध्य और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ता सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। क्योंकि आलू की खुदरा कीमतें 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। टास्क फोर्स के एक सदस्य ने बताया कि किसानों द्वारा आलू 15 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचे जा रहे हैं, तो खुदरा बाजार में इसकी कीमत इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए, जब तक कि बिचौलियों द्वारा जमाखोरी न की जा रही हो।
इसके अलावा, अदरक की कीमतें 180-200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, जबकि लहसुन 280-380 रुपये प्रति किलोग्राम में बिक रहा है। अन्य सब्जियों की कीमतें भी बढ़ी हैं, जैसे शिमला मिर्च और बैंगन 100 रुपये प्रति किलोग्राम, टमाटर 70 रुपये प्रति किलोग्राम, और बीन्स 170 रुपये प्रति किलोग्राम में बेची जा रही हैं।
इस स्थिति पर कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों को मिलने वाले उर्वरक और परिवहन सब्सिडी में कमी के कारण कीमतें बढ़ी हैं। राज्य सरकार अपने किसानों को समर्थन देना जारी रखे हुए है, लेकिन केंद्र की ओर से सब्सिडी में कमी ने किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को प्रभावित किया है।
राज्य सरकार की ‘सुफल बांगला’ योजना के तहत सब्जियों की कीमतें नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सब्जियां खुदरा बाजार की तुलना में 10-20 फीसदी सस्ती दरों पर बेची जा रही हैं। राज्य भर में 480 सुफल बांगला आउटलेट्स कार्यरत हैं, और कोलकाता में अतिरिक्त 50 आउटलेट्स जल्द ही खोले जाएंगे।
इन सभी प्रयासों के बावजूद, कीमतों में वृद्धि जारी है और आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है।