– कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी द्वारा बुलाई गई राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक
– प्रत्येक राजस्व न्यायलयों में प्रतिदिन की जाए कोर्ट, राजस्व वादों को तत्काल किया जाए दर्ज
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ: कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार द्वारा सोमवार को राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि तहसीलों की कार्य प्रणाली एकदम दुरुस्त हो, शिकायत की कोई भी गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी प्रतिदिन अपने न्यायलय में रहे और प्रतिदिन कोर्ट करे। सभी उपजिलाधिकारी व तहसीलदार राजस्व संहिता का गहन अध्य्यन करते हुए कोर्ट की कार्रवाहियों में राजस्व सहित की धाराओं का अक्षर अनुपालन करना सुनिश्चित करे। उक्त के साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के जितने भी प्रकरण लंबित है उनका तत्काल निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। उक्त के बाद जिलाधिकारी ने बिंदुवार समस्त विषयों की गहन समीक्षा की।
बैठक में ज़िलाधिकारी ने आईजीआरएस व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की। ज़िलाधिकारी ने बताया कि आईजीआरएस पोर्टल के मानकों में बदलाव हुआ है। अब प्रकरण प्रतिदिन प्रकरण डिफाल्टर होने और हमे प्रतिदिन डिफाल्टर होने वाले प्रकरणों का निस्तारण उनको डिफाल्टर होने से पहले करना होगा। साथ ही निर्देश दिए गए कि आईजीआरएस प्रकरणों के सभी निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो। निस्तारण करते समय यदि आवश्यकता हो तो अपर ज़िलाधिकारियों से निस्तारण के सम्बन्ध में मार्गदर्शन प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए।आईजीआरएस के प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा।आईजीआरएस के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्रवाई निश्चित है। उक्त के साथ ही समाधान दिवस के प्रकरणों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही प्रकरणों के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं को कॉल करके उनका फीडबैक भी लिया जाए।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि सभी उप जिलाधिकारी पिछले 6 माह की ऐसी शिकायते जो ग्राम सभा/शासकीय/चारागाह आदि की भूमियों पर अतिक्रमण को लेकर है ,उन पर की गई कृत कार्यवाहियों का दोबारा मूल्यांकन किया जाए। जिन प्रकरणों पर कार्रवाई नही की गई उन पर आगामी 10 दिवस के अंदर कार्रवाई करते हुए आख्या उपलब्ध कराई जाए।उक्त के बाद जिलाधिकारी ने राजस्व न्यायलयो की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त राजस्व न्यायलयो में प्रतिदिन कोर्ट की जाएगी। प्रतिदिन प्रत्येक कोर्ट लगेगी। कोई भी वाद कोर्ट में आता है तो उसे तत्काल दर्ज किया जाए। न्यायलयो के कार्यों में और अधिक सुचिता लाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक माह जितने भी आदेश न्यायलयो से जारी किए जाएंगे उन सभी आदेशों की समीक्षा अपर जिलाधिकारियों द्वारा की जाएगी।
इसके लिए हर तहसील में एक अपर जिलाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। ज़िलाधिकारी ने देयो से सम्बंधित बिंदुवार समीक्षा की गई। ज़िलाधिकारी ने वसूली बढ़ाने के निर्देश और अपर जिलाधिकारी वित्त एवम् राजस्व को तहसीलों की अलग अलग समीक्षा करने के निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी राजस्व एवम वित्त ने बताया कि विद्युत देय की वसूली के लिए टीमे गठित कर दी गई है। सभी अधिकारी इस माह शत प्रतिशत वसूली करना सुनिश्चित करे। उक्त के साथ ही स्टांप वाद और रेरा की वसूली टीम बनाकर करना सुनिश्चित की जाए। जो बाकीदार आरसी का भुगतान नहीं कर रहे है उनकी संपत्तियों को सीज करने की कार्रवाई की जाए। बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मासिक समीक्षा बैठक के बाद सभी उपजिलाधिकारी अपनी तहसीलों में जाकर लेखपालों के साथ समीक्षा बैठक आहूत करेगे ताकि मासिक समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने जो दिशा निर्देश दिए है उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जा सके।उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन शुभी काकन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राकेश सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ, समस्त उप ज़िलाधिकारी, अपर नगर मजिस्ट्रेट, तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।