बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली के अपोलो अस्पताल के ICU में भर्ती स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अभी भी ICU में एडमिट हैं. दिल्ली के अपोलो अस्पताल के ICU में उनका इलाज चल रहा है. आडवाणी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है. उन्हें ओल्ड एज से संबंधित कई बीमारी हैं.

आडवाणी की शनिवार को तबीयत बिगड़ गई थी. इसी के बाद उन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यूरिन में मांसपेशी बढ़ने की वजह से उनका स्वास्थ्य नाजुक बना हुआ है. फिलहाल, वो अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों की निगरानी में हैं. पिछले दो हफ्ते से लाल कृष्ण आडवाणी जी की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी.

जेपी नड्डा ने की डॉक्टर से बात
शनिवार को इंद्रप्रस्थ अपोलो में उन्हें भर्ती कराया गया था. अपोलो अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में इलाज चल रहा है. शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी आडवाणी जी के परिवार और डॉक्टर से बात की थी. लालकृष्ण आडवाणी 97 साल के हैं. पिछले 4-5 महीनों में वो करीब चौथी बार तबीयत बिगड़ने की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए हैं. इससे पहले उन्हें अगस्त के महीने में अस्पताल में एडमिट कराया गया था.

पिछले कुछ समय से हैं अस्वस्थ
लालकृष्ण आडवाणी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. अपनी तबीयत की वजह से ही अब बीजेपी के दिग्गज नेता अपने आवास पर ही रहते हैं और सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेते हैं. आडवाणी को इसी साल देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था, लेकिन खराब तबीयत के चलते वो सम्मान लेने के लिए भी नहीं पहुंच सके थे, इसी के चलते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने खुद उनके निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था.

आडवाणी का सियासी कार्यकाल
लालकृष्ण आडवाणी का बीजेपी पार्टी में काफी अहम रोल रहा है. आडवाणी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में की थी. 1947 में वो आरएसएस के सचिव बने थे. साल 1970 में वो पहली बार राज्यसभा के सांसद बने थे. 1980 में बीजेपी बनने के बाद आडवाणी सबसे ज्यादा समय तक बीजेपी के अध्यक्ष पद पर रहे.

साल 1998 से 2004 तक वो गृह मामलों के मंत्री रहे. इसके साथ ही 2002 से 2004 तक वो उप प्रधानमंत्री रहे. साल 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. साथ ही उन्हें साल 2024 में भारत रत्न से नवाजा गया था.

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