पंचायत भवन में कोई कर्मचारी न मौजूद होने से आयुष्मान कार्ड बनवाने आई महिला लौटी वापस

रामसनेहीघाट बाराबंकी। गांव के लोगों को गांव में ही अभिलेखीय सुविधा दिलाने के लिए खरिकाफूल गांव में बने पंचायत भवन में शुक्रवार को ताला लगा होने से आयुष्मान कार्ड बनवाने आई महिला वापस लौट गई।
शासन द्वारा ग्रामीणों को खतौनी परिवार रजिस्टर की नकल आयुष्मान कार्ड सहित विभिन्न अभिलेखों के लिए गांव में बने पंचायत भवनो में पंचायत मित्र तथा रोजगार सहायक की नियुक्ति करके उन्हें पंचायत भवन पर रहकर ग्रामीणो को सुविधा दिलाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार को खरिकाफूल गांव में बने पंचायत भवन में ताला लटकता नजर आया। ग्राम पंचायत अंतर्गत तिलकपुर की महिला शैल कुमारी गांव के ही दूसरे व्यक्ति के साथ आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए पहुंची लेकिन पंचायत भवन में ताला लगा होने से मजबूर होकर वापस लौट गई। महिला के मुताबिक कई दिन से वह पंचायत भवन का चक्कर लगा रही है लेकिन हर बार पंचायत भवन बंद होने से उसे दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

मनरेगा के तहत मजदूरों का हो रहा फर्जी अंकन

खरिकाफूल गांव में ही पंचायत भवन के पास से कूटी तक पक्की सड़क की पटरी मरम्मत के नाम पर 41 मजदूर विगत एक सप्ताह से प्रतिदिन कागजों पर दिखाये जा रहे है जबकि ग्रामीणों के मुताबिक यहां पर करीब 15 दिन पूर्व पांच मजदूरो द्वारा तीन-चार दिन में पटरी मरम्मत का कार्य कराया गया है।
आश्चर्य तो यह है कि ग्राम प्रधान भी बताते हैं कि मजदूर तो वही के नाम पर कहीं अलग लगाए गए हैं लेकिन कहां इसका जवाब उनके पास नहीं है। इस तरह से मनरेगा प्रधान के लिए कमाई के जरिया साबित हो रही है।
मुख्य विकास अधिकारी ने मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों में मजदूरों के फर्जी अंकन को गलत बताते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी यदि कम मजदूरों के बावजूद अधिक मजदूरों का अंकन दिखाया गया है तो संबंधित लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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