बदायूं। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब काउंटर समय से पहले ही बंद हो गया। भारी संख्या में खून की जांच के लिए बुखार के गंभीर मरीज इधर उधर भटकते रहे। मरीजों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है जबकि ऑटोमेटिक बायोकेमिस्ट्री सलैक्टा मशीन ठीक स्थिति में काम कर रही है। फिर भी इससे मरीजों की किडनी, लीवर, डायबिटीज, बुखार समेत ब्लड संबंधी सभी जांचें नही हो पाई और समय से पहले पैथोलॉजी काउंटर बंद हो गया ।
जिला अस्पताल में सोमवार को बुखार के मरीज काफी तादाद पहुंचने से पर्चे वाली लाइन काफी लंबी हो गई जिसकी वजह से पैथोलॉजी लैब काउंटर भी जल्दी बंद हो गया खून की जांच के लिए काफी संख्या में बुखार के गंभीर मरीज इधर उधर भटकते रहे।
सबसे ज्यादा परेशानी का सामना बुखार से पीड़ित पुरुष,महिलाओं बच्चों को कराना पड़ा। गंभीर बुखार के चलते इन्हें निजी पैथोलॉजी में जांच करनी पड़ी।
पैथोलॉजिस्ट डॉ. मिती गुप्ता ने बताया कि खून की जांच सैंपलिंग समय का सुबह 8:00 से लेकर 1:00 दोपहर तक है इस बीच सभी की जांचे की गई है जो मरीजों की भीड़ थी वह काली पीलिया के 60 मरीज थे।जिसकी वजह से भीड़ बढ़ गई। जबकि सोमवार को 240 मरीजों के सैंपल लिए गए है उसी समय बिजली चली गई जिसकी वजह से सैंपलिंग काउंटर 01 बजकर 20 मिनट पर बंद हुआ है।
निजी पैथोलॉजी के एजेंटों ने अस्पताल में डाला डेरा
जिला अस्पताल में जांच व्यवस्था बिगड़ने के बाद निजी पैथोलॉजी संचालकों की चांदी हो गई। इनके एजेंटों ने जिला अस्पताल में डेरा डाल दिया है। यह चिकित्सकों से मिलकर अपनी लैब से मरीजों की जांच करा रहे हैं। इसके बदले मनमाने रुपये वसूल रहे हैं।
निजी पैथोलॉजी में जांच कराने पर इतना होता खर्च
-एलएफटी(लीवर फंक्शन टेस्ट) : यह जांच लीवर से संबंधित है। निजी पैथोलॉजी में इसकी जांच 650 रुपये में हो रही है।
-केएफटी( किडनी फंक्शन टेस्ट): यह जांच किडनी से संबंधित है। किडनी में दिक्कत होने पर यह जांच कराई जाती है। इसके 750 रुपये लिए जा रहे हैं।
-सुगर: यह जांच 100 रुपये में निजी पौथोलॉजी के लोग कर रहे हैं। जिला अस्पताल में यह निशुल्क होती है।
-आरए फैक्टर(रूमेटाइड आर्थराइटिस): 200 रुपये में यह जांच निजी पैथोलॉजी संचालक कर रहे हैं। यह हड्डी से संबंधित जांच है। घुटनों या शरीर के किसी भाग की हड्डी में दर्द होने पर यह जांच कराई जाती है।जिला अस्पताल की पैथोलॉजी की ऑटोमेटिक बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर मशीन खराब हो गई। इससे चार दिन से यहां मरीजों की जांच नहीं हो रही है। गर्भवती महिलाओं समेत करीब एक सैकड़ा लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। इन्हें महंगे दामों पर निजी पैथोलॉजी से जांचें करानी पड़ रही हैं।