चेन्नई/नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच कोई टकराव नहीं है। उन्हाेंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और प्रौद्योगिकी के उपयोग से आयकर और जीएसटी के संबंध में व्यापार करने में ज्यादा सरलता और आसानी आई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु के चेन्नई में राजस्व बार एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्हाेंने जीएसटी पर केंद्र और राज्यों के बीच किसी भी तरह के ‘टकराव’ से इनकार करते हुए कहा कि इस आर्थिक सुधार में संघीय ढांचे का सम्मान किया जाना चाहिए।
सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट पर सभी परामर्श बैठकों के दौरान राजस्व बढ़ाने के बजाय करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल और आसान बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि एक प्रमुख परामर्श एजेंसी के हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक 84 फीसदी उद्योग उत्तरदाताओं ने जीएसटी के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
वित्त मंत्री कहा कि लगभग 60 फीसदी उपभोक्ता वस्तुओं पर 5 फीसदी या उससे कम की जीएसटी दर लागू होती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने सरलीकरण और दर में कमी लाया है। उन्होंने कहा कि तीन फीसदी से भी कम उपभोग की वस्तुएं 28 फीसदी ब्रैकेट में हैं। इसलिए जीएसटी ने आम आदमी पर बोझ कम किया है।
सीतारमण ने कहा कि जो लोग यह मानते हैं कि वित्त मंत्रियों की बैठक में असंगत बातें होती हैं, उनसे मैं कहना चाहूंगी कि यहां पर सबसे कम राजनीति होती है। हर वित्त मंत्री अच्छा राजस्व सृजन और कर आधार को व्यापक बनाना चाहता था। उन्हाेंने कहा कि मैं रेवन्यू बार एसोसिएशन से अनुरोध करूंगी कि वे अपने सदस्यों को प्रौद्योगिकी और एआई-संचालित अनुप्रयोगों को संभालने में परिचित कराएं, ताकि आप अपने ग्राहकों को सरलीकरण और अनुपालन में इसके योगदान के बारे में सलाह दे सकें।
इसके अलावा वित्त मंत्री सीतारमण ने चेन्नई में दक्षिणी भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसआईसीसी) की 114वीं वार्षिक आम बैठक को भी संबोधित किया। गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं।