नई दिल्ली। अरबपति गौतम अदाणी के समूह ने रिश्वतखोरी के आरोपों पर अमेरिकी अभियोग के बाद केन्या द्वारा 2.5 अरब डॉलर से अधिक के सौदे रद्द करने की खबरों पर शनिवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उसने केन्या के मुख्य हवाई अड्डे के संचालन के लिए कोई बाध्यकारी समझौता नहीं किया है।
केन्या में 30 वर्षों के लिए प्रमुख विद्युत पारेषण लाइनों के निर्माण और संचालन के लिए पिछले महीने हस्ताक्षरित समझौते के बारे में समूह ने कहा कि यह परियोजना सेबी के प्रकटीकरण नियमों के दायरे में नहीं आती, इसलिए इसके रद्द होने पर किसी प्रकटीकरण की आवश्यकता नहीं है।
समूह ने शेयर बाजारों द्वारा भेजे गए नोटिसों का जवाब देते हुए यह बात कही। शेयर बाजारों ने समूह के संस्थापक पर अमेरिका में अभियोग लगाए जाने के बाद केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो द्वारा खरीद प्रक्रिया को रद्द करने के बारे में आ रही खबरों की सच्चाई जाननी चाही थी।
सौदे के तहत देश के मुख्य हवाई अड्डे का नियंत्रण अदाणी समूह की कंपनी को मिलना था। हवाईअड्डा कारोबार का संचालन करने वाली अरबपति गौतम अदाणी के समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने इस साल अगस्त में हवाई अड्डों के उन्नयन, आधुनिकीकरण और प्रबंधन के लिए केन्या में एक अनुषंगी की अनुषंगी कंपनी स्थापित की थी।
कंपनी ने कहा, “कंपनी उक्त परियोजना के लिए संबंधित प्राधिकरण के साथ चर्चा कर रही थी, लेकिन आज तक न तो कंपनी और न ही इसकी अनुषंगी कंपनियों को (1) केन्या में कोई हवाई अड्डा परियोजना दी गई है, या (2) केन्या में किसी हवाई अड्डे के संबंध में कोई बाध्यकारी या निश्चित समझौता नहीं किया गया है।” उसने केन्या द्वारा हवाई अड्डा सौदे को रद्द करने की खबरों की पुष्टि या खंडन नहीं किया।