जीवन समझौतों, मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल हैं- नितिन गडकरी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए 10 दिन हो चुके हैं, इसके बाद भी अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा क्लियर नहीं हो पाया है बीजेपी नेताओं की ओर से ऐलान किया गया है कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा उसी हिसाब से तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान की चर्चा हो रही है उन्होंने राजनीति को असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र बताया उन्होंने कहा कि यहां हर व्यक्ति दुखी है और अपने वर्तमान पद से ऊंचे पद की आकांक्षा रखता है

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में किताब 50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ (जीवन के 50 स्वर्णिम नियम) के लॉन्च के अवसर पर कहा कि जीवन समझौतों, मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है गडकरी ने कहा कि व्यक्ति अगर पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या कॉर्पोरेट में है तो उसका जीवन चुनौतियों से भरा रहता है

राजनीति में हर कोई दुखी- गडकरी
नितिन गडकरी ने राजस्थान में आयोजित कार्यक्रम को याद करते हुए कहा कि राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र है, जहां सभी लोग दुखी हैं जो पार्षद बनता है वह इस बात से दुखी होता है कि उसे विधायक बनने का मौका नहीं मिला एक विधायक इसलिए दुखी होता है क्योंकि उसे मंत्री पद नहीं मिला

उन्होंने आगे कहा, “एक मंत्री इसलिए दुखी होता है, क्योंकि उसे अच्छा विभाग नहीं मिला और वे मुख्यमंत्री नहीं बन सके मुख्यमंत्री इस बात से तनाव में है कि पता नहीं कब आलाकमान उन्हें पद छोड़ने के लिए कह दे

गडकरी के बयान की चर्चा
महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम और नितिन गडकरी के बयान से राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं सीएम फेस को लेकर चल रही माथापच्ची के बीच गडकरी के इस बयान के कई मायनें निकाले जा रहे हैं

महाराष्ट्र में 10 दिन बाद भी तय नहीं हो पाया सीएम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित हुए आज 10 दिन हो गए हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है ऐसा लगभग तय माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन अभी तक उनके नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है बीजेपी के पर्यवेक्षक आज महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं, ये कल बीजेपी के विधायक दल की बैठक के बाद नाम की घोषणा करेंगे

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