बुधवार 4 दिसंबर को ओडिशा के पुरी में नौसेना दिवस मनाया जाएगा जिसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है इस बीच सोमवार को नौसेना दिवस से पहले नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने बताया कि भारत अगले महीने तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के सौदे को अंतिम रूप देने वाला है उन्होंने कहा कि नई स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मझगांव डॉकयार्ड में किया जाएगा
नेवी चीफ ने बताया कि नई पनडुब्बियों में मानदंडों को पूरा करने के लिए 60 प्रतिशत तक स्वदेशी सामग्री शामिल की जाएगी तीन स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों से नौसेना की ताकत में कई गुना बढ़ोतरी होगी क्योंकि चीन समंदर में अपनी ताकत काफी तेजी से बढ़ा रहा है, ऐसे में इन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से भारत की ताकत में भी इजाफा होगा और इससे समंदर में भारत सुरक्षा क्षमता और भी मजबूत होगी इससे चीन और पाकिस्तान की नौसेनाओं की गतिविधियों पर करीबी नजर रखी जाएगी
इतनी है लागत
इन पनडुब्बियों में एडवांस टेक्नोलॉजी शामिल हो सके उसके हिसाब से इन्हें डिजाइन किया गया है इनमें स्वदेशी वॉर मैनेजमेंट सिस्टम की सुविधा होगी, जो पनडुब्बियों की ऑपरेशनल कैपेबिलिटीज को बढ़ाएगी इन पनडुब्बियों के अधिग्रहण की अनुमानित लागत करीब ₹40,000 करोड़ (लगभग $5 बिलियन) है
समंदर में बढ़ेगी ताकत
भारत लगातर अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है ऐसे में इन पनडुब्बियों की खरीद अपने नौसैनिक बेड़े को आधुनिक बनाने और समंदर के भीतर अपनी deterrent capabilities को मजबूत करने की भारत की व्यापक पहल का हिस्सा है. इस सौदे से भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी और भी गहरी होने की उम्मीद है, खासकर चीन और पाकिस्तान जैसे क्षेत्रीय विरोधियों से बढ़ते समुद्री खतरों के मद्देनजर ये बेहद अहम है
पारंपरिक युद्ध के मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा अक्टूबर में 40,000 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत की गई दो 9,800 टन की परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियों (एसएसएन) में से पहली पनडुब्बियां 2036-37 तक शामिल होने के लिए तैयार हो जाएंगी इसके कुछ साल बाद दूसरी पनडुब्बियां भी शामिल होंगी