गोरखपुर। वर्तमान में गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, बेंगलुरु के लिए रोजाना 10 उड़ानें होती हैं। एयरपोर्ट का विस्तार होने के बाद चेन्नई, वाराणसी, जम्मू, पुणे समेत कई और महत्वपूर्ण शहरों के लिए उड़ान शुरू हो जाएगी।
शहर, अब अपने हवाई यातायात को अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार है। यहां नंदानगर क्षेत्र में 42 एकड़ भूमि पर बनने वाला नया एयरपोर्ट शहर के हवाई संपर्क में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह अत्याधुनिक एयरपोर्ट 24 घंटे उड़ान संचालन की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे हवाई यातायात की संख्या और शहर की कनेक्टिविटी में जबरदस्त इजाफा होगा।
वर्तमान चुनौतियां और समाधान
फिलहाल गोरखपुर का मौजूदा एयरपोर्ट भारतीय वायुसेना के साथ साझा किया जाता है, जिसके कारण यहाँ रात 9 बजे के बाद किसी भी तरह की उड़ान की अनुमति नहीं होती। इस सीमित समय के कारण शहर से आने-जाने वाली उड़ानों की संख्या भी सीमित है, जिससे यात्रियों को अक्सर अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है। इसके अलावा, सीमित उड़ानों के कारण गोरखपुर की हवाई कनेक्टिविटी लखनऊ और वाराणसी जैसे अन्य प्रमुख हवाई अड्डों की तुलना में कम है। लेकिन नया एयरपोर्ट इन सभी चुनौतियों का समाधान करेगा। 24 घंटे उड़ानों की अनुमति के साथ यह एयरपोर्ट गोरखपुर को एक महत्वपूर्ण हवाई केंद्र में तब्दील कर देगा, जिससे शहर की कनेक्टिविटी लखनऊ और वाराणसी जैसे हवाई अड्डों की बराबरी कर सकेगी।
गोरखपुर का यह नया एयरपोर्ट 1172 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट में यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसमें मल्टी-टर्मिनल की सुविधा प्रमुख है। वर्तमान में गोरखपुर एयरपोर्ट पर केवल एक ही टर्मिनल है, जिससे सीमित उड़ानों को संभालने में मुश्किल होती है। नए एयरपोर्ट के तैयार होने पर मुंबई, दिल्ली और लखनऊ जैसे बड़े हवाई अड्डों की तर्ज पर यहां भी कई टर्मिनल होंगे, जिससे अधिक विमानों और यात्रियों को संभाला जा सकेगा।
नए एयरपोर्ट की स्थिति शहर के नंदानगर क्षेत्र में होगी, जो कि मौजूदा एयरपोर्ट से करीब एक किलोमीटर कम दूरी पर होगा। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में समय की बचत होगी। इसके साथ ही, नंदानगर चौकी से एयरपोर्ट तक डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क का फोरलेन विस्तार भी किया जाएगा, जिससे यात्री आसानी से एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे। यह सड़क विस्तार न केवल यातायात के दबाव को कम करेगा, बल्कि यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव भी सुनिश्चित करेगा।
उड़ानों और यात्रियों की संख्या में वृद्धि
गोरखपुर से फिलहाल केवल 12 उड़ानें रोजाना संचालित होती हैं, जो दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों के लिए हैं। लेकिन नया एयरपोर्ट बनने के बाद उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। चेन्नई, वाराणसी, जम्मू, पुणे जैसे और भी कई महत्वपूर्ण शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी। यह न केवल स्थानीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि गोरखपुर को एक हवाई यातायात का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेगा।
वर्तमान में शहर के यात्रियों को उड़ान की सीमित सुविधाओं के कारण लखनऊ या वाराणसी जैसे हवाई अड्डों पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन नए एयरपोर्ट के चालू होने से यात्रियों को सीधे अपने गंतव्यों तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि की संभावना है, क्योंकि हवाई यातायात के बढ़ने से गोरखपुर का व्यापारिक संपर्क अन्य बड़े शहरों के साथ और मजबूत होगा।
उन्नत यात्री सुविधाएं और पार्किंग क्षमता
नए एयरपोर्ट के निर्माण के साथ, गोरखपुर एयरपोर्ट की यात्री क्षमता और सुविधाओं में भी बड़ा सुधार होगा। एक साथ 10 विमानों को पार्क करने की सुविधा होगी, जिससे अधिक उड़ानों का संचालन संभव हो सकेगा। इसका मतलब यह है कि एयरपोर्ट एक साथ कई विमानों की आवाजाही को संभाल सकेगा, जिससे उड़ानों के इंतजार और देरी जैसी समस्याओं में भी कमी आएगी।
एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए चेक-इन और चेक-आउट की प्रक्रिया को भी सुगम और तेज किया जाएगा। एक साथ 1500 यात्रियों की चेक-इन या चेक-आउट की क्षमता होगी, जिससे यात्रियों की भीड़ को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा, एयरपोर्ट का विस्तार तीन दिशाओं में किया जाएगा, जिससे अधिक विमानों और यात्रियों के संचालन की क्षमता बढ़ेगी।
शहर के आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर का नया एयरपोर्ट न केवल यात्री सुविधाओं को बढ़ाएगा, बल्कि शहर के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हवाई यातायात की बढ़ोतरी से व्यापार, निवेश और पर्यटन में भी वृद्धि की संभावना है। गोरखपुर से अब अधिक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें संचालित हो सकेंगी, जिससे यहां के उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा, एयरपोर्ट के विकास से स्थानीय बाजार, होटल, रेस्तरां, और परिवहन सेवाओं को भी बड़ा फायदा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि
नए एयरपोर्ट के निर्माण और उसके बाद के संचालन से गोरखपुर के युवाओं और पेशेवरों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। एयरपोर्ट पर नई तकनीकी और सेवाओं के संचालन के लिए हजारों लोगों की आवश्यकता होगी। हवाई यातायात के बढ़ने से स्थानीय स्तर पर होटल, परिवहन, और अन्य सेवाओं में भी बड़ी संख्या में रोजगार उत्पन्न होंगे। यह गोरखपुर के युवाओं और पेशेवरों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, जिससे उन्हें अपने ही शहर में अच्छे रोजगार प्राप्त होंगे और शहर में नए कौशल विकास के अवसर भी पैदा होंगे।
गोरखपुर का नया एयरपोर्ट शहर के हवाई यातायात के साथ-साथ समग्र विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 24 घंटे उड़ान संचालन की सुविधा और अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं के साथ यह एयरपोर्ट गोरखपुर को उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ और वाराणसी के बराबरी पर ला खड़ा करेगा। इसके अलावा, इस परियोजना से न केवल यात्री सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि शहर के आर्थिक, व्यावसायिक और पर्यटन क्षेत्र में भी नई संभावनाएं उत्पन्न होंगी। नए एयरपोर्ट का निर्माण गोरखपुर को एक वैश्विक हवाई यातायात केंद्र में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे यहां के निवासियों और व्यापारियों दोनों को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।