नेहरू-गांधी परिवार की चर्चा उत्तर प्रदेश के बिना अधूरी…

प्रयागराज। लोकसभा चुनाव-2024 का अघोषित बिगुल बज चुका है। भाजपा के बड़े नेता देशभर में सक्रिय हैं। वहीं, विपक्ष जैसे-तैसे एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। इसमें कांग्रेस ने पहल करते हुए आइएनडीआइए का गठन किया है।

साथ ही कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली जा रही है। राजनीति की संभावनाओं का आकाश खोलने व जमीन बनाने निकले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को अपने पूर्वजों के शहर प्रयागराज पहुंचे, लेकिन चौखट से ही लौट गए। यह बात तमाम कांग्रेसियों को साल गई तो कई शहरियों को हतप्रभ करने वाली रही।

नेहरू-गांधी परिवार की चर्चा उत्तर प्रदेश के बिना अधूरी

नेहरू-गांधी परिवार की चर्चा उत्तर प्रदेश और प्रयागराज के बिना अधूरी है। आनंद भवन राहुल के परनाना जवाहरलाल नेहरू का घर व उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म स्थान है। प्रयागराज में फूलपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर प्रथम प्रधानमंत्री बने थे। इंदिरा गांधी ने रायबरेली को अपना क्षेत्र बनाया। उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अमेठी को अपना गढ़ बनाया।

इनके बाद राहुल की मां सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़कर संसद पहुंचती रही हैं। इसी क्रम को राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़कर आगे बढ़ाया। यह जरूर रहा कि पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वह वायनाड से सांसद चुने गए। राहुल ने अमेठी से चुनाव न लड़ने का मन बनाया है। उम्मीद थी कि सोनिया जरूर रायबरेली से चुनाव मैदान में आएंगी, लेकिन उन्होंने राज्यसभा जाने का निर्णय लिया।

यूपी से छूटता दिख रहा नेहरू-गांधी परिवार का नाता

इससे नेहरू-गांधी परिवार का उत्तर प्रदेश से नाता छूटता दिख रहा है। मेनका गांधी और वरुण गांधी भाजपा के साथ हैं। यदि उन्हें छोड़ दें तो यह पहला अवसर होगा जब इस परिवार का कोई भी सदस्य उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा है।

तमाम राजनीतिक जोड़तोड़ को इसकी वजह मानी जा सकती है लेकिन इस परिवार के सदस्यों की दूरी यदि आनंद भवन से प्रतीत होने लगे तो यह चौकाने वाली बात होगी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कुछ ऐसा ही प्रतीत हुआ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को विमान से बमरौली हवाई अड्डे पर पहुंचे तो कांग्रेसियों ने खूब उत्साह दिखाया।

जिंदाबाद के नारे भी लगे। कुछ बड़े नेताओं ने पुष्पगुच्छ भी भेंट किए। वहां से उनका काफिला पैतृक आवास आनंद भवन की ओर चला तो सबको उम्मीद थी कि वह कुछ देर स्वराज भवन में ठहरेंगे। यह उनके कार्यक्रम में तय भी था। इसके बाद यात्रा आगे बढ़ाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राहुल गांधी आनंद भवन के गेट पर पहुंचकर न्याय यात्रा की जीप में सवार हो गए। रोड शो करते हुए लक्ष्मी टाकिज चौराहा, तेलियरगंज होते हुए मऊआइमा की ओर बढ़ गए।

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