लापरवाही :शकुंतला क्लीनिक एवं प्रसूति केंद्र में जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण बरकरार

निजी अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड पर आखिर क्यों नहीं पड़ी अफसर की नजर

अस्पताल में किस सत्ताधारी की हिस्सेदारी,यह हर किसी की जुबान पर

पीलीभीत। बिलसंडा नगर के शकुंतला क्लीनिक एवं प्रसूति केंद्र पर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एक के बाद एक तीसरी बार छापा मारा गया l जिससे उन सभी झोलाछापों में हड़कंप मच गया है जिन्होंने आबादी के बीच अवैध क्लीनिक खोल रखे हैं जहां पर प्रसब एवं गर्भपात जैसे घृणित कार्य किए जाने के बावजूद आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई l
बता दे कि नगर के ही एक व्यक्ति ने सीएमओ से शिकायत की थी जिसमें आरोप लगाया था कि विकास क्षेत्र के गांव मल्लिका निवासी एक ग्रामीण की पेशाब रुक जाने पर नगर में संचालित निजी क्लीनिक के चिकित्सक ने गलत तरीके से मोटा पाइप डाला था जिससे उसका ब्लैडर फट गया था इसके अलावा कुछ दिन पूर्व इसी निजी क्लीनिक एवं प्रसूति केंद्र में एक प्रसूता का प्रसव कराया गया था जिससे प्रसूता को अधिक ब्लीडिंग होने के कारण हालत बिगड़ने पर उसे बरेली भेजा गया था हालांकि परिजनों ने प्रसूता को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराकर उसकी जान बचाई थी इसके अलावा नगर के ही एक मेडिकल स्टोर स्वामी की पुत्रवधू का भी इसी निजी अस्पताल में घोर लापरवाही के चलते प्रसव कराया गया था जिसमें नवजात की प्रसब के दौरान मौत हो गई थी इन सभी मामलों की शिकायत करते हुए यह आप भी लगाया गया कि चिकित्सक की डिग्री आयुर्वेदिक की होने के बावजूद वह एलोपैथिक दवा का इस्तेमाल करते हुए मरीजों को अस्पताल में भर्ती भी करता है और धड़ल्ले से एक्सरे मशीन का संचालन भी कर रहा है सीएमओ डॉक्टर आलोक कुमार से की गई शिकायत पर शनिवार को एसीएमओ एसके सिंह ने नगर के इस चर्चित निजी शकुंतला क्लीनिक एवं प्रसूति केंद्र पर छापा मारा तो अस्पताल में एलोपैथिक दवाइयां मिलने की बजाय आयुर्वेदिक दवाइयां मौके पर पाई गई अस्पताल में एक भी मरीज भरती नहीं मिला सूत्रों की माने तो शकुंतला क्लीनिक संचालक को जिम्मेदारों ने छापा मार कार्यवाही से पूर्व सूचना दे दी

खामियां मिलने पर निजी क्लीनिक एवं प्रसूति केंद्र को सीएमओ दे गए थे शील करने के निर्देश

नगर के चर्चित निजी क्लीनिक एवं प्रस्तुति केंद्र में कुछ महीने पूर्व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मजिस्ट्रेट के अलावा पुलिस फोर्स के साथ छापा मारा था तो स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ संचालक की काफी नोक झोंक भी हुई थी उस वक्त अस्पताल में कई अंग्रेजी दवाइयां मौके पर पाई गई इसके अलावा भारी मात्रा में अनियमिताएं पाई गई थी जिस पर सीएमओ ने अस्पताल को सील करने के निर्देश दिए इतना ही नहीं नोटिस भी दो बार अस्पताल के बाहर चश्पा कर तीन दिन में जवाब मांगा था इसके बाद कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई

गर्भपात एवं डिलीवरी के मामले में अवैध क्लिनिक मरीज से वसूलते हैं मोटी रकम

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते गर्भपात एवं डिलीवरी करने पर अवैध क्लिनिक संचालित करने वाले झोलाछाप मनमाना पैसा भी वसूलते हैं बताते हैं कि गर्भपात के मामले में सर्वाधिक मनमाने तरीके से पैसों की वसूली की जाती है क्योंकि इसमें अधिकांश मामले लोक लाज से जुड़े होते हैं जो किसी भी तरह का जोखिम लेने से बचते हैं ऐसे में झोलाछाप भरपूर फायदा भी उठाते हैं कभी कबार कोई मामला फसता है तो वह पैसों के सहारे निपटा भी लेते हैं अवैध क्लिनिक पर गर्भपात एवं प्रसुताओं का प्रसब कराए जाने का नगर में कई बार शोर भी मचा लेकिन स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण फिर भी बरकरार रहा अगर समय रहते नगर में संचालित ऐसे क्लिनिको पर अंकुश लगाया गया होता तो शायद कई मरीजों की जान जाने से बच जाती।

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