लखनऊ में बना म्यूजिकल पार्क

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई ऐसे पार्क हैं, जिनकी चर्चा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर होती है. जैसे- जनेश्वर मिश्र पार्क, इसी पार्क के अंदर बना जुरासिक पार्क और अंबेडकर पार्क, जिसमें 124 हाथियों की मूर्तियां लगी हुई हैं. वहीं अब राजधानी लखनऊ में एक म्यूजिकल पार्क भी बनाया गया है. इस पार्क ने संगीत के सुरों से शहर को चार चांद लगा दिया है. लोग इस पार्क को देखने के लिए काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी इसका औपचारिक उद्घाटन होना बाकी है.

दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा सीजी सिटी योजना के उत्तरी भाग में एक अनूठी पहल के तहत म्यूजिकल पार्क, स्पोर्ट्स एरीना का निर्माण किया गया है. सुलतानपुर रोड स्थित सीजी सिटी के उत्तरी भाग में गोल चौराहे से एचसीएल तिराहे तक ग्रीन कनेक्टर में म्यूजिकल पार्क एवं स्पोर्ट्स एरिना का निर्माण किया गया है. बहुत जल्द लखनऊ के निवासियों को इनकी सौगात मिलेगी.

12.90 एकड़ क्षेत्र में फैला है ये पार्क
यह अनोखा म्यूजिकल पार्क 12.90 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इसके निर्माण पर लगभग 1,170 लाख रुपए की लागत आई है. वेस्ट-टू-आर्ट थीम पर आधारित इस पार्क में वेस्ट मैटीरियल से बनी 34 आकर्षक मूर्तियां शामिल हैं, जो विभिन्न वाद्ययंत्रों के आकार में डिजाइन की गई हैं. इन मूर्तियों को अनेक प्रकार के वाद्य यंत्रों के रूप के साथ बनाया गया है.

इतना ही नहीं, इन वाद्य यंत्रों के प्रतिरूप के साथ-साथ साउंड के लिए उपकरण भी स्थापित किए गए हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं. पार्क में मनोरंजन के लिए ओपन एयर थियेटर और बच्चों के लिए विशेष रूप से विकसित स्पोर्ट्स एरीना भी है, जो हर आयु वर्ग के लोगों के लिए इसे एक आकर्षक गलय्य बनाता है.

यह म्यूजिकल पार्क और स्पोर्ट्स एरीना राजधानी लखनऊ के निवासियों के लिए न केवल एक मनोरंजन स्थल होगा, बल्कि यह कला, पर्यावरण संरक्षण और खेल गतिविधियों के संगम का स्थान भी बनेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के इस प्रयास से शहर वासियों को एक नया अनुभव मिलेगा.

कब तक खुला रहेगा ये पार्क?
इस पार्क में लोग सुबह 10 से शाम सात बजे तक घूम सकते हैं. फिलहाल म्यूजिकल पार्क का औपचारिक उद्घाटन बाकी है, लेकिन एलडीए ने दर्शकों के लिए इसके द्वार पहले ही खोल दिए हैं. बीते रविवार छुट्टी के दिन पार्क में बड़ी तादाद में पार्क में लोग पहुंचे और यहां आनंद उठाया.

खास बात यह है कि पार्क में आए लोग सप्तक के सातों सुर से रूबरू हो सकेंगे. सुरों के उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल कर राग बनाए जाते हैं. हर राग के अपने सुर होते हैं. ठीक इसी तरह थाट तैयार होते हैं. पार्क में स्क्रैप से कई कलाकृतियां बनाई गई हैं, जो राग और थाट पर आधारित हैं. इन कलाकृतियों में सिर्फ वही स्वर हैं, जो इससे जुड़े राग में होते हैं. इसे बजाने पर वह राग या थाट बजता है.

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