मुंबई क्राइम ब्रांच ने जबरन वसूली के मामले में कुख्यात गैंगस्टर डीके राव को गिरफ्तार किया है. डीके राव मुंबई का एक कुख्यात गैंगस्टर है जिसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. जबरन वसूली, डकैती और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण वह छोटा राजन का प्रमुख सहयोगी माना जाता है. राव ने व्यवसायियों और डेवलपर्स को निशाना बनाकर जबरन वसूली के रैकेट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उसे पिछले वर्षों में कई बार गिरफ्तार किया गया है.
मुंबई क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल को एक होटल व्यवसायी से शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया कि डीके राव ने छह अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके होटल पर कब्जा करने की साजिश रची, 2.5 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की मांग की और जान से मारने की धमकी दी. इस शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इसके अलावा, मुंबई पुलिस ने छोटा राजन गिरोह के एक अन्य सदस्य को 16 साल बाद गिरफ्तार किया है. 62 वर्षीय विलास बलराम पवार उर्फ राजू को 2 जनवरी को चेंबूर इलाके के देवनार पुलिस स्टेशन की टीम ने गिरफ्तार किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पवार हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहा है और उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं.
पवार ने 1992 में घाटला गांव में एक व्यक्ति को गोली मारकर घायल किया था और इस मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. 2008 में जमानत पर रिहा होने के बाद से वह फरार था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा.
पुलिस के अनुसार, आरोपी नवी मुंबई के नेरुल इलाके में रह रहा था और निर्माण स्थलों पर मजदूरों की आपूर्ति करता था. अधिकारी ने बताया कि पवार छोटा राजन गिरोह का सक्रिय सदस्य था और 1990 के दशक में दादर में एक व्यक्ति की हत्या में शामिल था. पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक लंबे समय से फरार अपराधी को पकड़ने में सफलता मिली है.