माँ का पहला दूध ही है बच्चे का पहला टीका- डॉ अश्विनी कुमार

सोनभद्र। सीएमओ ऑफिस सभागार में शनिवार को आयोजित गोष्ठी में सीएमओ डॉक्टर अश्वनी कुमार सभा को संबोधित करते हुए बताया की हंसते और खिलखिलाते बच्चे बरबस ही सबका मन मोह लेते हैं। बच्चों का हंसना और खिलखिलाना बहुत हद तक उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यदि जन्म के तुरन्त बाद शीघ्र अतिशीघ्र/एक घण्टे के अन्दर नवजात को स्तनपान प्रारम्भ कराया जाये, छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान और उसके बाद दो साल तक स्तनपान के साथ पूरक पोषाहार
दिया जाए तो बच्चा सुपोषित होगा और हंसी लम्बे समय तक उसके चेहरे पर रहेगी। स्तनपान शिशुओं के उचित मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान महत्वपूर्ण है,

इतना ही नहीं स्तनपान माँ को भी प्रसव उपरांत होने वाली कई तरह की परेशानियों से बचाता है। इसी उद्देश्य से जनपद में विश्व स्तनपान सप्ताह 01 से 07 अगस्त 2024 तक मनाया जायेगा। इस बार की थीम “अन्तर को कम करनाः सभी के लिये स्तनपान सहायता” रखी गई है। सीएमओ ने बताया कि जन्म के तुरन्त बाद शीघ्र अतिशीघ्र / एक घण्टे के अन्दर नवजात को स्तनपान
प्रारम्भ कराया जाये जिसेस बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित की जा सके। उन्होंने कहा कि कि बच्चें का पहला टीका स्तनपान होता है जिससे बच्चें एवं मां दोनो स्वस्थ व निरोग होते है। जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा पीला
दूध (कोलोस्ट्रम) पिलाने और छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से शिशु का सर्वांगीण विकास होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।

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